नई दिल्ली
भारत सरकार ने सरकारी बैंकों से कहा है कि जेट एयरवेज को दिवालिया प्रक्रिया में भेजे बिना इसकी मदद की जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं चाहेंगे कि आम चुनाव से ठीक पहले हजारों लोगों की नौकरी जाए। प्रशासन से जुड़े दो लोगों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से यह बात कही है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल वित्त मंत्रालय ने जेट एयरवेज की वित्तीय स्थिति स्टेट को लेकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में बैंकों से नियमित जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था। हाल के महीनों में बैंकों ने रिवाइवल प्लान के बारे में साप्ताहिक रूप से जानकारी दी है और सरकार से भी सलाह मांगी है। नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर जेट के एक कर्जदाता ने कहा, 'वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस मुद्दे पर नियमित अपडेट चाहते हैं।'
टैक्सपेयर्स के पैसों से एक प्राइवेट सेक्टर कंपनी को दिवालिया होने से बचाने के दुलर्भ मामले में सरकार ने बैंकों से कर्ज को इक्विटी में बदलने और जेट में हिस्सेदारी लेने को कहा है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि यह अस्थायी होगा और जेट की स्थिति सुधरने के बाद कर्जदाता हिस्सेदारी बेच सकते हैं। कंपनी 1 अरब डॉलर से अधिक के कर्ज के बोझ में दब चुकी है और लगातार उड़ानों को रद्द कर रही है।
बुलाई गई आपात बैठक
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों को जेट एयरवेज द्वारा अपने विमानों को खड़ा करने (ग्राउंडिंग) के मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने के लिए कहा है। मंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'एमओसीए के सचिव को जेट एयरवेज के विमानों को खड़ा करने, अग्रिम बुकिंग, कैंसिलेशन, रिफंड और सुरक्षा मुद्दों को लेकर आपात बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं।' उन्होंने कहा, 'इस बाबत सचिव को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से तत्काल रिपोर्ट मांगने के लिए भी कहा है।'
40 से अधिक विमान खड़े
इससे एक दिन पहले जेट एयरवेज ने आबू धाबी में अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया था, जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपने पट्टेदारों का बकाया नहीं चुकाया है, जिस वजह से विमानन कंपनी लगातार अपने विमानों का परिचालन बंद कर रही है। कंपनी ने अब तक अपने 40 से अधिक विमान खड़े कर दिए हैं। कंपनी के सूत्रों ने बताया कि विमानन कंपनी ने अपने 123 विमानों में से 50 प्रतिशत का परिचालन बंद कर दिया गया है। इससे पहले सोमवार को भी इसी तरह से जेट एयरवेज ने बीएसई को सूचित किया था कि पट्टेदारों के बकाया राशि को नहीं चुकाने की वजह से उसने अपने चार विमानों के परिचालन को बंद कर दिया है।
भारत सरकार ने सरकारी बैंकों से कहा है कि जेट एयरवेज को दिवालिया प्रक्रिया में भेजे बिना इसकी मदद की जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं चाहेंगे कि आम चुनाव से ठीक पहले हजारों लोगों की नौकरी जाए। प्रशासन से जुड़े दो लोगों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से यह बात कही है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल वित्त मंत्रालय ने जेट एयरवेज की वित्तीय स्थिति स्टेट को लेकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में बैंकों से नियमित जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था। हाल के महीनों में बैंकों ने रिवाइवल प्लान के बारे में साप्ताहिक रूप से जानकारी दी है और सरकार से भी सलाह मांगी है। नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर जेट के एक कर्जदाता ने कहा, 'वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस मुद्दे पर नियमित अपडेट चाहते हैं।'
टैक्सपेयर्स के पैसों से एक प्राइवेट सेक्टर कंपनी को दिवालिया होने से बचाने के दुलर्भ मामले में सरकार ने बैंकों से कर्ज को इक्विटी में बदलने और जेट में हिस्सेदारी लेने को कहा है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि यह अस्थायी होगा और जेट की स्थिति सुधरने के बाद कर्जदाता हिस्सेदारी बेच सकते हैं। कंपनी 1 अरब डॉलर से अधिक के कर्ज के बोझ में दब चुकी है और लगातार उड़ानों को रद्द कर रही है।
बुलाई गई आपात बैठक
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों को जेट एयरवेज द्वारा अपने विमानों को खड़ा करने (ग्राउंडिंग) के मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने के लिए कहा है। मंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'एमओसीए के सचिव को जेट एयरवेज के विमानों को खड़ा करने, अग्रिम बुकिंग, कैंसिलेशन, रिफंड और सुरक्षा मुद्दों को लेकर आपात बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं।' उन्होंने कहा, 'इस बाबत सचिव को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से तत्काल रिपोर्ट मांगने के लिए भी कहा है।'
40 से अधिक विमान खड़े
इससे एक दिन पहले जेट एयरवेज ने आबू धाबी में अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया था, जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपने पट्टेदारों का बकाया नहीं चुकाया है, जिस वजह से विमानन कंपनी लगातार अपने विमानों का परिचालन बंद कर रही है। कंपनी ने अब तक अपने 40 से अधिक विमान खड़े कर दिए हैं। कंपनी के सूत्रों ने बताया कि विमानन कंपनी ने अपने 123 विमानों में से 50 प्रतिशत का परिचालन बंद कर दिया गया है। इससे पहले सोमवार को भी इसी तरह से जेट एयरवेज ने बीएसई को सूचित किया था कि पट्टेदारों के बकाया राशि को नहीं चुकाने की वजह से उसने अपने चार विमानों के परिचालन को बंद कर दिया है।