नए टैक्स सिस्टम के लिए सरकार ने बनाया वॉर रूम
[ दीपशिखा सिकरवार | नई दिल्ली ]गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के लागू होने में दो दिन बचे हैं और सरकार नए टैक्स सिस्टम में शिफ्ट होने पर किसी ...
इकनॉमिक टाइम्स 28 Jun 2017, 9:42 am
दीपशिखा सिकरवार, नई दिल्ली
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के लागू होने में दो दिन बचे हैं और सरकार नए टैक्स सिस्टम में शिफ्ट होने पर किसी भी गड़बड़ी को दूर करने को तैयार दिख रही है। उसने सभी शिकायतें तुरंत दूर करने करने के लिए एक वॉर रूम बनाया है। एक बड़े सरकारी अधिकारी ने बताया, 'एक स्पेशल वॉर रूम बनाया गया है, जो जीएसटी से संबंधित मसलों को दूर करेगा।' वॉर रूम सुबह 8 बजे शुरू हो जाएगा। देश के इतिहास के इस सबसे बड़े रिफॉर्म को लागू करने में जो भी समस्याएं आएंगी, उन्हें सुलझाने के लिए यह सिंगल विंडो सिस्टम की तरह काम करेगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) के तहत जीएसटी फीडबैक एंड एक्शन रूम बनाया गया है। यह नए टैक्स सिस्टम को लागू करने के लिए सभी प्रोसेस पर नजर रखेगा, ताकि कोई असुविधा ना हो। सीबीईसी के एक अधिकारी ने बताया कि वॉर रूम में खास अधिकारियों को तैनात किया गया है, जो जीएसटी के रोलआउट प्रोसेस पर नजर रखेंगे।
वॉर रूम में लेटेस्ट कम्युनिकेशंस इक्विपमेंट हैं। इसमें टेक्नोलॉजी की जानकारी रखने वाले अधिकारियों को तैनात किया गया है, जो इससे संबंधित समस्याओं को भी दूर करने में मदद करेंगे। वॉर रूम फील्ड में काम कर रहे अधिकारियों के संपर्क में रहेगा, जिससे प्रोसेस में कोई अड़चन ना आए। इसके अलावा, हर मंत्रालय और डिपार्टमेंट में अलग से जीएसटी सेल बनाए गए हैं, जो अपने सेक्टर से संबंधित अड़चनों को दूर करेंगे। पोर्ट पर कस्टम्स के लिए ट्रायल पहले ही शुरू हो चुका है। एक्सपोर्टर्स और ट्रेडर्स को अब एंट्री और शिपिंग बिल बुधवार से जीएसटी फ्रेमवर्क के मुताबिक नए फॉर्मेट में फाइल करने होंगे। इनडायरेक्ट टैक्स के मामले में सबसे बड़ी संस्था सीबीईसी है। उसने अपने फील्ड ऑफिसर्स से कहा है कि अगर इंडस्ट्री और खासतौर पर छोटे बिजनेसमेन को किसी तरह की दिक्कत आती है तो उन्हें विभाग के ऑफिस के जरिये भी दूर किया जाए। जीएसटी काउंसिल ने पहले ही रिटर्न फाइल करने के लिए दो महीने की मोहलत दे दी है। सीबीईसी खुद भी मौजूदा टैक्सपेयर्स के नए सिस्टम में शिफ्ट होने पर नजर रखे हुए है, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन विंडो को फिर से 25 जून को खोला गया था। अधिकतर मौजूदा टैक्सपेयर्स पहले ही जीएसटी नेटवर्क से जुड़ चुके हैं और बाकियों के इस हफ्ते रजिस्ट्रेशन कराने की उम्मीद है। सीबीईसी ने बताया कि फील्ड ऑफिसर्स को टैक्सपेयर्स और बिजनेस की ना सिर्फ माइग्रेशन बल्कि किसी तरह के क्लैरिफिकेशन में भी मदद करने को कहा गया है। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सभी राज्यों ने जीएसटी कानून पास कर दिया है।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के लागू होने में दो दिन बचे हैं और सरकार नए टैक्स सिस्टम में शिफ्ट होने पर किसी भी गड़बड़ी को दूर करने को तैयार दिख रही है। उसने सभी शिकायतें तुरंत दूर करने करने के लिए एक वॉर रूम बनाया है। एक बड़े सरकारी अधिकारी ने बताया, 'एक स्पेशल वॉर रूम बनाया गया है, जो जीएसटी से संबंधित मसलों को दूर करेगा।' वॉर रूम सुबह 8 बजे शुरू हो जाएगा। देश के इतिहास के इस सबसे बड़े रिफॉर्म को लागू करने में जो भी समस्याएं आएंगी, उन्हें सुलझाने के लिए यह सिंगल विंडो सिस्टम की तरह काम करेगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) के तहत जीएसटी फीडबैक एंड एक्शन रूम बनाया गया है। यह नए टैक्स सिस्टम को लागू करने के लिए सभी प्रोसेस पर नजर रखेगा, ताकि कोई असुविधा ना हो। सीबीईसी के एक अधिकारी ने बताया कि वॉर रूम में खास अधिकारियों को तैनात किया गया है, जो जीएसटी के रोलआउट प्रोसेस पर नजर रखेंगे।
वॉर रूम में लेटेस्ट कम्युनिकेशंस इक्विपमेंट हैं। इसमें टेक्नोलॉजी की जानकारी रखने वाले अधिकारियों को तैनात किया गया है, जो इससे संबंधित समस्याओं को भी दूर करने में मदद करेंगे। वॉर रूम फील्ड में काम कर रहे अधिकारियों के संपर्क में रहेगा, जिससे प्रोसेस में कोई अड़चन ना आए। इसके अलावा, हर मंत्रालय और डिपार्टमेंट में अलग से जीएसटी सेल बनाए गए हैं, जो अपने सेक्टर से संबंधित अड़चनों को दूर करेंगे। पोर्ट पर कस्टम्स के लिए ट्रायल पहले ही शुरू हो चुका है। एक्सपोर्टर्स और ट्रेडर्स को अब एंट्री और शिपिंग बिल बुधवार से जीएसटी फ्रेमवर्क के मुताबिक नए फॉर्मेट में फाइल करने होंगे। इनडायरेक्ट टैक्स के मामले में सबसे बड़ी संस्था सीबीईसी है। उसने अपने फील्ड ऑफिसर्स से कहा है कि अगर इंडस्ट्री और खासतौर पर छोटे बिजनेसमेन को किसी तरह की दिक्कत आती है तो उन्हें विभाग के ऑफिस के जरिये भी दूर किया जाए। जीएसटी काउंसिल ने पहले ही रिटर्न फाइल करने के लिए दो महीने की मोहलत दे दी है। सीबीईसी खुद भी मौजूदा टैक्सपेयर्स के नए सिस्टम में शिफ्ट होने पर नजर रखे हुए है, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन विंडो को फिर से 25 जून को खोला गया था। अधिकतर मौजूदा टैक्सपेयर्स पहले ही जीएसटी नेटवर्क से जुड़ चुके हैं और बाकियों के इस हफ्ते रजिस्ट्रेशन कराने की उम्मीद है। सीबीईसी ने बताया कि फील्ड ऑफिसर्स को टैक्सपेयर्स और बिजनेस की ना सिर्फ माइग्रेशन बल्कि किसी तरह के क्लैरिफिकेशन में भी मदद करने को कहा गया है। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सभी राज्यों ने जीएसटी कानून पास कर दिया है।