आनंदिता सिंह मनकोटिया/शांभवी आनंद, नई दिल्ली
सरकार ई-कॉमर्स सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में हुए हाल के बदलावों को लागू करने की डेडलाइन बढ़ाने पर विचार कर रही है। सरकार ने पहले कहा था कि नए नियम 1 फरवरी से लागू होंगे। आला सरकारी अधिकारी ने कहा, 'सरकार डेडलाइन बढ़ाने की सोच रही है, लेकिन अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।' इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने बताया कि सरकार डेडलाइन को कम-से-कम दो महीने बढ़ाने पर विचार कर रही है। ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट के अधिकारी पिछले हफ्ते सरकारी अफसरों से मिले थे।
उन्होंने इसमें नए नियमों की दो शर्तों को टालने की अपील की थी।
सूत्रों के मुताबिक, पहले में मार्केटप्लेस और उसकी ग्रुप कंपनियों के किसी भी वेंडर में हिस्सेदारी रखने की मनाही है। दूसरे में कहा गया है कि मार्केटप्लेस और ग्रुप कंपनियां अपने प्लैटफॉर्म पर बेचे जाने वाली इन्वेंटरी पर कंट्रोल नहीं रख सकते। अगर डेडलाइन दो महीने बढ़ाई जाती है तो इसका मतलब यह है कि नए रूल्स लोकसभा चुनाव के वक्त लागू होंगे।
सूत्रों के मुताबिक ऐमजॉन ने डेडलाइन चार महीने बढ़ाने की मांग की है, जबकि फ्लिपकार्ट इसमें 6 महीने की बढ़ोतरी चाहती है। दोनों कंपनियों ने इस सिलसिले में डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी ऐंड प्रमोशन (डीआईपीपी) को चिट्ठी भी लिखी है। ऐमजॉन इंडिया ने कहा कि वह देश के सभी कानून, नियम और दिशानिर्देशों पर अमल करेगी, लेकिन वह ई-कॉमर्स एफडीआई पॉलिसी में हुए बदलाव पर सरकार के स्पष्टीकरण का इंतजार कर रही है। केंद्र ने 26 दिसंबर को ये नियम बदले थे।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, 'हम पॉलिसी पर स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहे हैं। हमने सरकार से डेडलाइन चार महीने बढ़ाने की अपील की है।' उन्होंने कहा, 'हमारे 4 लाख से अधिक सेलर हैं। ऐमजॉन इंडिया मार्केटप्लेस पर रोजाना हजारों-लाखों ट्रांजैक्शन होते हैं। हमें पूरी पॉलिसी को समझने के लिए पर्याप्त समय चाहिए।'
फ्लिपकार्ट ने खबर के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए। वैसे, कंपनी ने 15 जनवरी को इकनॉमिक टाइम्स से कहा था, 'हम नए नियमों पर जरूर अमल करेंगे। हमें लगता है कि इसके लिए डेडलाइन बढ़ाई जानी चाहिए। पॉलिसी के सभी पहलुओं पर सरकार को स्पष्टीकरण भी देना चाहिए ताकि कस्टमर और सेलर पर बगैर किसी असर के मार्केटप्लेस इन पर अमल कर सके।' ऊपर पॉलिसी की जिन शर्तों का जिक्र किया गया है, उनसे ऐमजॉन इंडिया और फ्लिपकार्ट के बिजनस मॉडल में बड़ा बदलाव होगा
सरकार ई-कॉमर्स सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में हुए हाल के बदलावों को लागू करने की डेडलाइन बढ़ाने पर विचार कर रही है। सरकार ने पहले कहा था कि नए नियम 1 फरवरी से लागू होंगे।
उन्होंने इसमें नए नियमों की दो शर्तों को टालने की अपील की थी।
सूत्रों के मुताबिक, पहले में मार्केटप्लेस और उसकी ग्रुप कंपनियों के किसी भी वेंडर में हिस्सेदारी रखने की मनाही है। दूसरे में कहा गया है कि मार्केटप्लेस और ग्रुप कंपनियां अपने प्लैटफॉर्म पर बेचे जाने वाली इन्वेंटरी पर कंट्रोल नहीं रख सकते। अगर डेडलाइन दो महीने बढ़ाई जाती है तो इसका मतलब यह है कि नए रूल्स लोकसभा चुनाव के वक्त लागू होंगे।
सूत्रों के मुताबिक ऐमजॉन ने डेडलाइन चार महीने बढ़ाने की मांग की है, जबकि फ्लिपकार्ट इसमें 6 महीने की बढ़ोतरी चाहती है। दोनों कंपनियों ने इस सिलसिले में डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी ऐंड प्रमोशन (डीआईपीपी) को चिट्ठी भी लिखी है। ऐमजॉन इंडिया ने कहा कि वह देश के सभी कानून, नियम और दिशानिर्देशों पर अमल करेगी, लेकिन वह ई-कॉमर्स एफडीआई पॉलिसी में हुए बदलाव पर सरकार के स्पष्टीकरण का इंतजार कर रही है। केंद्र ने 26 दिसंबर को ये नियम बदले थे।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, 'हम पॉलिसी पर स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहे हैं। हमने सरकार से डेडलाइन चार महीने बढ़ाने की अपील की है।' उन्होंने कहा, 'हमारे 4 लाख से अधिक सेलर हैं। ऐमजॉन इंडिया मार्केटप्लेस पर रोजाना हजारों-लाखों ट्रांजैक्शन होते हैं। हमें पूरी पॉलिसी को समझने के लिए पर्याप्त समय चाहिए।'
फ्लिपकार्ट ने खबर के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए। वैसे, कंपनी ने 15 जनवरी को इकनॉमिक टाइम्स से कहा था, 'हम नए नियमों पर जरूर अमल करेंगे। हमें लगता है कि इसके लिए डेडलाइन बढ़ाई जानी चाहिए। पॉलिसी के सभी पहलुओं पर सरकार को स्पष्टीकरण भी देना चाहिए ताकि कस्टमर और सेलर पर बगैर किसी असर के मार्केटप्लेस इन पर अमल कर सके।' ऊपर पॉलिसी की जिन शर्तों का जिक्र किया गया है, उनसे ऐमजॉन इंडिया और फ्लिपकार्ट के बिजनस मॉडल में बड़ा बदलाव होगा