नई दिल्ली
सरकार ने पावर टिलर और उसके कलपुर्जों के आयात पर अंकुश लगाया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा है, ‘पावर टिलर और उसके कलपुर्जों की आयात नीति को संशोधित कर मुक्त से प्रतिबंधित कर दिया गया है।’ किसी उत्पाद को ‘प्रतिबंधित’ श्रेणी में रखने का अर्थ है कि आयातक को उनका आयात करने के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस लेना होगा। टिलर एक कृषि मशीन है, जिसका इस्तेमाल खेती के लिए जमीन तैयार करने के लिए किया जाता है। पावर टिलर के कलपुर्जों में इंजन, ट्रांसमिशन, chassis और rotavator शामिल हैं। महानिदेशालय ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा कि आयात लाइसेंस देने के लिए प्रक्रिया तैयार की गई है। इसमें कहा गया है कि एक वर्ष में किसी भी फर्म/ सभी फर्मों को जारी प्राधिकरण का संचयी मूल्य उस कंपनी द्वारा पिछले वर्ष (2019-20) के दौरान आयात किए गए पावर टिलर के मूल्य का 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। इसी तरह पावर टिलर के कलपुर्जों के लिए भी 10 प्रतिशत की सीमा तय की गई है। अधिसूचना में कहा गया है कि आवेदक को कम से कम तीन साल से इस कारोबार में होना चाहिए और उसने पिछले तीन वर्षों में कम से कम 100 पावर टिलर बेचे हों।
सरकार ने पावर टिलर और उसके कलपुर्जों के आयात पर अंकुश लगाया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा है, ‘पावर टिलर और उसके कलपुर्जों की आयात नीति को संशोधित कर मुक्त से प्रतिबंधित कर दिया गया है।’ किसी उत्पाद को ‘प्रतिबंधित’ श्रेणी में रखने का अर्थ है कि आयातक को उनका आयात करने के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस लेना होगा। टिलर एक कृषि मशीन है, जिसका इस्तेमाल खेती के लिए जमीन तैयार करने के लिए किया जाता है। पावर टिलर के कलपुर्जों में इंजन, ट्रांसमिशन, chassis और rotavator शामिल हैं।