रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने एक बयान में कहा कि 21 अप्रैल से 30 मई, 2021 के बीच राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को रेमडेसिविर के 98.87 लाख इंजेक्शन आबंटित किए गए हैं। मांग की तुलना में आपूर्ति बढ़ाने के लिये रेमडेसिविर के उत्पादन को 10 गुना बढ़ा दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्पादन बढ़ने के साथ, हम जून के अंत तक 91 लाख इंजेक्शन की आपूर्ति की योजना बना रहे हैं।’’
एक अन्य महत्वपूर्ण दवा टोसिलिजुमैब के बारे में गौड़ा ने कहा कि सिप्ला ने 25 अप्रैल से 30 मई, 2021 तक 400 एमजी के 11,000 इंजेक्शन और 80 एमजी के 50,000 इंजेक्शन शीशियां आयात की हैं।
इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय को मई में 400 एमजी के 1002 इंजेक्शन और 80 एमजी के 50,024 इंजेक्शन दान के रूप में प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने कहा कि 80 एमजी के 20,000 इंजेक्शन और 200 एमजी के 1,000 इंजेक्शन जून में पहुंचने की संभावना है।
ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल एम्फोटेरिसिन- बी के बारे में गौड़ा ने कहा, ‘‘एम्फोटेरिसिन बी के लगभग 2,70,060 इंजेक्शन 11 मई से 30 मई, 2021 के बीच राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों और केन्द्रीय संस्थानों को आबंटित किये गये हैं। इसके अलावा विनिर्माता कंपनियों ने 81,651 इंजेक्शन की आपूर्ति मई के पहले सप्ताह में राज्यों को की थी।’’
उन्होंने कहा कि कोविड के उपचार में काम आने वाली डेक्सामेथैसोन, मिथाइलप्रेडनिसोलोन, एनोक्सापैरिन, फैविपिराविर, आइवरमेक्टिन, डेक्सामेथेसोन टैबलेट जैसी अन्य दवाओं के उत्पादन, आपूर्ति और भंडारण की स्थिति की साप्ताहिक आधार पर समीक्षा भी की जा रही है।
मंत्री ने कहा कि उत्पादन बढ़ गया है और मांग पूरी करने के लिए भंडार उपलब्ध है।
गौड़ा ने कहा कि सरकार दवाओं की मांग को पूरा करने के लिए मौजूदा और नए विनिर्माताओं के साथ कोविड-19 के उपचार में काम आने वाली दवाओं की उपलब्धता की लगातार समीक्षा कर रही है।