जोएल रिबेलो, मुंबई
क्रेडिट कार्ड मामले में एचडीएफसी बैंक खुद अपनी परंपराएं तोड़ रहा है। रीटेल मार्केट में कॉम्पिटिशन और बड़े मौके के कारण वह ऐसा कर रहा है। अपने सख्त क्रेडिट अप्रेजल के लिए मशहूर यह बैंक फर्स्ट टाइम कस्टमर्स को उनकी परचेज हिस्ट्री और सोशल मीडिया ऐनालिटिक्स के आधार पर क्रेडिट कार्ड बेचने की तैयारी में है।
एचडीएफसी बैंक के कार्ड पेमेंट प्रॉडक्ट्स के कंट्री हेड पराग राव ने बताया, 'अपनी ग्रोथ के लिए हमें मार्केट का विस्तार करना होगा। ऐनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से लोगों की प्रोफाइल तैयार करने में मदद मिलती है और हार्डकोर क्रेडिट डेटा के अभाव में यह उनकी प्रोफाइल चेकिंग में मददगार हो सकता है। लिहाजा, इस सेगमेंट में एंट्री को लेकर कुछ सहूलियतें हैं, जो 3-4 साल पहले नहीं थीं।'
आरबीआई के आकड़ों के मुताबिक, एचडीएफसी बैंक के पास कुल 92.5 लाख क्रेडिट कार्ड यूजर्स हैं, जो इस मामले में दूसरे नंबर पर मौजूद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से दोगुनी संख्या है। स्टेट बैंक के पास कुल 49.75 लाख क्रेडिट कार्ड यूजर्स हैं। राव ने बताया कि 20 से 30 साल के आयु वर्ग में लोगों में काफी मौके हैं। उन्होंने कहा, 'हम नए क्रेडिट कस्टमर्स को टारगेट कर रहे हैं। उन्होंने तत्काल क्रेडिट की सुविधा दे रहे हैं। हम ऐसे लोगों के ट्रांजैक्शन बिहेवियर का इस्तेमाल कर उन्हें 30,000 रुपये की वर्चुअल क्रेडिट लिमिट दे सकते हैं।'
राव ने कहा, 'मसलन हमारे पेजैप इंस्ट्रूमेंट में 1.3 करोड़ कस्टमर्स हैं, जिनमें आधे ओपन मार्केट कस्टमर्स हैं। मैं उनका ट्रांजैक्शन बिहेवियर जानता हूं। मैं उन्हें अपना कार्ड दे सकता हूं। इसके अलावा हम 40-50 लाख कस्टमर्स और हासिल कर सकते हैं और ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं।'
कुल 30,000 करोड़ के क्रेडिट कार्ड बुक में एचडीएफसी बैंक इस सेगमेंट में सबसे बड़ा बैंक है। क्रेडिट कार्ड को सबसे जोखिम भरा रीटेल लेंडिंग सेगमेंट माना जाता है। राव ने बताया कि पिछले 90 दिनों में बैंक के 85 फीसदी से भी ज्यादा कार्ड ऐक्टिव हुए हैं, जबकि 58 फीसदी पिछले 30 दिनों में ऐक्टिव हुए हैं। शर्त यह है कि कस्टमर्स कार्ड को ऐक्टिव रखने के लिए कम से कम दो मंथली पेमेंट करें।
क्रेडिट कार्ड मामले में एचडीएफसी बैंक खुद अपनी परंपराएं तोड़ रहा है। रीटेल मार्केट में कॉम्पिटिशन और बड़े मौके के कारण वह ऐसा कर रहा है। अपने सख्त क्रेडिट अप्रेजल के लिए मशहूर यह बैंक फर्स्ट टाइम कस्टमर्स को उनकी परचेज हिस्ट्री और सोशल मीडिया ऐनालिटिक्स के आधार पर क्रेडिट कार्ड बेचने की तैयारी में है।
एचडीएफसी बैंक के कार्ड पेमेंट प्रॉडक्ट्स के कंट्री हेड पराग राव ने बताया, 'अपनी ग्रोथ के लिए हमें मार्केट का विस्तार करना होगा। ऐनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से लोगों की प्रोफाइल तैयार करने में मदद मिलती है और हार्डकोर क्रेडिट डेटा के अभाव में यह उनकी प्रोफाइल चेकिंग में मददगार हो सकता है। लिहाजा, इस सेगमेंट में एंट्री को लेकर कुछ सहूलियतें हैं, जो 3-4 साल पहले नहीं थीं।'
आरबीआई के आकड़ों के मुताबिक, एचडीएफसी बैंक के पास कुल 92.5 लाख क्रेडिट कार्ड यूजर्स हैं, जो इस मामले में दूसरे नंबर पर मौजूद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से दोगुनी संख्या है। स्टेट बैंक के पास कुल 49.75 लाख क्रेडिट कार्ड यूजर्स हैं। राव ने बताया कि 20 से 30 साल के आयु वर्ग में लोगों में काफी मौके हैं। उन्होंने कहा, 'हम नए क्रेडिट कस्टमर्स को टारगेट कर रहे हैं। उन्होंने तत्काल क्रेडिट की सुविधा दे रहे हैं। हम ऐसे लोगों के ट्रांजैक्शन बिहेवियर का इस्तेमाल कर उन्हें 30,000 रुपये की वर्चुअल क्रेडिट लिमिट दे सकते हैं।'
राव ने कहा, 'मसलन हमारे पेजैप इंस्ट्रूमेंट में 1.3 करोड़ कस्टमर्स हैं, जिनमें आधे ओपन मार्केट कस्टमर्स हैं। मैं उनका ट्रांजैक्शन बिहेवियर जानता हूं। मैं उन्हें अपना कार्ड दे सकता हूं। इसके अलावा हम 40-50 लाख कस्टमर्स और हासिल कर सकते हैं और ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं।'
कुल 30,000 करोड़ के क्रेडिट कार्ड बुक में एचडीएफसी बैंक इस सेगमेंट में सबसे बड़ा बैंक है। क्रेडिट कार्ड को सबसे जोखिम भरा रीटेल लेंडिंग सेगमेंट माना जाता है। राव ने बताया कि पिछले 90 दिनों में बैंक के 85 फीसदी से भी ज्यादा कार्ड ऐक्टिव हुए हैं, जबकि 58 फीसदी पिछले 30 दिनों में ऐक्टिव हुए हैं। शर्त यह है कि कस्टमर्स कार्ड को ऐक्टिव रखने के लिए कम से कम दो मंथली पेमेंट करें।