नयी दिल्ली, 25 जनवरी :भाषा: उद्योग मंडल एसोचैम ने स्वास्थ्य सेवाआंे को वस्तु एवं सेवा कर को :जीएसटी: के दायरे से बाहर रखने की मांग की है। उसका मानना है कि इससे स्वास्थ्य सेवाएं महंगी हो जाएंगी और आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएंगी। एसोचैम-टेसाइ शोध पत्र मंे कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवाआंे को सेवा कर के दायरे से बाहर रखा गया है और जीएसटी के लागू होने के बाद कम से कम दस साल तक इसे इसके दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। शोध पत्र मंे कहा गया है कि यह क्षेत्र समाज की स्वास्थ्य जरूरतांे को पूरा करता है और इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। अन्यथा चिकित्सा सुविधाएं महंगी हो जाएंगी और आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएंगी। एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, बड़ी संख्या मंे खाद्य उत्पाद और आम आदमी के इस्तेमाल की अन्य आवश्यक वस्तुआंे को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। स्वास्थ्य सेवा भी उतनी ही महत्वपूर्ण और अनिवार्य है। यह खाद्य के बाद सबसे महत्वपूर्ण सेवा है। ऐसे मंे इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का मामला बनता है। सरकार का जीएसटी को एक जुलाई से लागू करने का इरादा है।
स्वास्थ्य सेवा को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए : एसोचैम
नयी दिल्ली, 25 जनवरी :भाषा: उद्योग मंडल एसोचैम ने स्वास्थ्य सेवाआंे को वस्तु एवं सेवा कर को :जीएसटी: के दायरे से बाहर रखने की मांग की है। उसका मानना है कि इससे स्वास्थ्य सेवाएं महंगी हो जाएंगी और आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएंगी।
नवभारतटाइम्स.कॉम 25 Jan 2017, 4:32 pm