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बीमारी पैदा होने से ही पहले वैक्सीन कैसे बना लें: ट्राई

टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई ने नेटवर्क टेस्टिंग से जुड़े मुद्दों से निपटने में देरी करने की इंडस्ट्री की टॉप कंपनियों की आलोचना को...

इकनॉमिक टाइम्स 26 Jun 2017, 8:58 am
गुलवीन औलख, नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम how to make vaccine before diseas asks trai
बीमारी पैदा होने से ही पहले वैक्सीन कैसे बना लें: ट्राई

टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई ने नेटवर्क टेस्टिंग से जुड़े मुद्दों से निपटने में देरी करने की इंडस्ट्री की टॉप कंपनियों की आलोचना को खारिज कर दिया है। मार्केट में पिछले साल एंट्री करनेवाली रिलायंस जियो इन्फोकॉम से जुड़े मामले में ट्राई और मार्केट के टॉप प्लेयर्स के बीच फिर से ठनी हुई है।

टेलिकॉम कंपनियों ने पिछले हफ्ते टेलिकॉम रेग्युलेटर पर आरोप लगाया था कि उसने सर्विसेज की कमर्शल लॉन्चिंग के मोबाइल नेटवर्क टेस्ट रूल्स पर कंसल्टेशन शुरू कराने में बड़ी देर की है। इस आरोप के जवाब में ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने कहा है कि कंपनियों की तरफ से टेस्टिंग में खामियां होने का मुद्दा उठाए जाने के बाद रेग्युलेटर ने उन पर अपनी तरफ से कार्रवाई की।

शर्मा ने कहा, 'उन कंपनियों का एक कमेंट यह था कि नेटवर्क टेस्टिंग पर कंसल्टेशन पेपर बहुत देरी से आया है लेकिन उनकी यह आलोचना सही नहीं है।' उन्होंने कहा कि ट्राई ऐसे मुद्दों या रूल्स फ्रेमिंग का रातोंरात अंदाजा नहीं लगा सकता। उन्होंने कहा, 'रेगुलेशन बनाते वक्त सिस्टम में आगे होने वाली हर चीज के बारे में पहले से अनुमान नहीं लगाया जा सकता।'

टेस्टिंग रूल्स का मामला पिछले साल 5 सितंबर को जियो की कमर्शियल लॉन्चिंग के दौरान फोकस में आया। दरअसल, कंपनी ने लॉन्च से पहले टेस्टिंग के दौरान 15 लाख यूजर्स बना लिए थे। इस पर भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर ने आरोप लगाया कि जियो टेस्ट कनेक्शन के नाम पर पूरी सर्विस ऑफर कर रही है।

जब जियो ने कहा कि वह कोई गलत काम नहीं कर रही है तो तीनों कॉम्पिटीटर्स ने नियमों का उल्लंघन होने का आरोप लगाते हुए ट्राई से स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की मांग की। शर्मा ने इस मामले में जवाब देते हुए कहा कि अथॉरिटी प्रॉब्लम होने का अनुमान पहले से नहीं लगा सकती।

शर्मा ने कहा, 'कंसल्टेशन की आलोचना करने का मतलब यह है कि आप यह कह रहे हैं कि आपको टीका बीमारी पैदा होने से पहले ही इजाद कर लेना चाहिए। वे वही लोग हैं जिन्होंने ये कहा था कि एक प्रॉब्लम है और अगर कोई प्रॉब्लम है तो हमें उसका सॉल्यूशन निकालना होगा।'

कंसल्टेशन पेपर के जवाब में भारती एयरटेल ने कहा कि ट्राई टेस्ट रूल्स के मामले में महीनों तक कार्रवाई करने में नाकामयाब रहा है जबकि इंडस्ट्री उससे मामले में दखल दिए जाने की मांग करती रही है। आइडिया सेल्युलर ने कहा कि मामले से निपटने में रेगुलेटर के सुस्ती वाले रुख और कार्रवाई करने में लगभग नौ महीने की देरी के चलते पहले से ही मुश्किलों के दौर से गुजर रही इंडस्ट्री के सामने अनगिनत दिक्कतें आईं।

मुकेश अंबानी की कंपनी जियो ने कंसल्टेशन प्रोसेस का समर्थन करते हुए कहा है कि उसके लिए यह कोई मुद्दा नहीं है लेकिन इसको लेकर जो अस्पष्टता है उसको हमेशा के लिए खत्म किए जाने की जरूरत है।

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