नई दिल्ली
आयकर विभाग ने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की ऐसी 14 हजार प्रॉपर्टी की पहचान की है, जिनके मालिकों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है। विभाग यह जांच कर रहा है कि ये प्रॉपर्टी कैसे खरीदी गईं? और मालिकों की इनकम का जरिया क्या था?
दरअसल आयकर विभाग को शक है कि ये प्रॉपर्टी कालेधन से खरीदी गई हैं। गौरतलब है कि इनमें हर एक प्रॉपर्टी की कीमत 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसके अलावा आयकर विभाग के रेडार पर लगभग 9.72 लाख व्यक्ति हैं, जिन्होंने 2.89 लाख करोड़ रुपये नकद जमा कराए थे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया कि डेटा विश्लेषण का उपयोग कर 9.72 लाख लोगों के 13.33 लाख खातों का पता किया गया है, जिनमें अनियमित तौर पर करीब 2.89 लाख करोड़ रुपये की नकदी जमा कराई गई। इनकी पहचान कर इनसे जवाब मांगा गया।
बता दें कि आयकर विभाग टैक्स के दायरे से बचने वालों की पहचान करने के लिए 'ऑपरेशन क्लीन मनी' चला रहा है। 'ऑपरेशन क्लीन मनी' के पहले चरण में आयकर विभाग ने 18 लाख ऐसे खातों की पहचान की है, जिनमें नकद लेन-देन करने वालों की कर जानकारियां संदिग्ध हैं।
आयकर विभाग ने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की ऐसी 14 हजार प्रॉपर्टी की पहचान की है, जिनके मालिकों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है। विभाग यह जांच कर रहा है कि ये प्रॉपर्टी कैसे खरीदी गईं? और मालिकों की इनकम का जरिया क्या था?
दरअसल आयकर विभाग को शक है कि ये प्रॉपर्टी कालेधन से खरीदी गई हैं। गौरतलब है कि इनमें हर एक प्रॉपर्टी की कीमत 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसके अलावा आयकर विभाग के रेडार पर लगभग 9.72 लाख व्यक्ति हैं, जिन्होंने 2.89 लाख करोड़ रुपये नकद जमा कराए थे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया कि डेटा विश्लेषण का उपयोग कर 9.72 लाख लोगों के 13.33 लाख खातों का पता किया गया है, जिनमें अनियमित तौर पर करीब 2.89 लाख करोड़ रुपये की नकदी जमा कराई गई। इनकी पहचान कर इनसे जवाब मांगा गया।
बता दें कि आयकर विभाग टैक्स के दायरे से बचने वालों की पहचान करने के लिए 'ऑपरेशन क्लीन मनी' चला रहा है। 'ऑपरेशन क्लीन मनी' के पहले चरण में आयकर विभाग ने 18 लाख ऐसे खातों की पहचान की है, जिनमें नकद लेन-देन करने वालों की कर जानकारियां संदिग्ध हैं।