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ब्लू इकॉनमी के लिए हाथ मिला सकते हैं भारत और बांग्लादेश

इस योजना को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की अगले महीने भारत यात्रा के दौरान पेश किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री संसाधनों का इस्तेमाल और शांति सुनिश्चित करने के लिए तटीय देशों के साथ ब्लू इकॉनमी पार्टनरशिप करने की पहल की थी।

इकनॉमिक टाइम्स 27 Mar 2017, 8:43 am
दीपांजन रॉय चौधरी, नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम india and bangladesh can work on blue economy
ब्लू इकॉनमी के लिए हाथ मिला सकते हैं भारत और बांग्लादेश

भारत और बांग्लादेश बंगाल की खाड़ी में आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए साझा योजना तैयार कर सकते हैं। इस योजना को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की अगले महीने भारत यात्रा के दौरान पेश किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री संसाधनों का इस्तेमाल और शांति सुनिश्चित करने के लिए तटीय देशों के साथ ब्लू इकॉनमी पार्टनरशिप करने की पहल की थी। 7 से 10 अप्रैल के बीच होने वाली हसीना की यात्रा के दौरान दोनों देश डिफेंस में सहयोग के लिए अपना पहला बड़ा अग्रीमेंट भी साइन कर सकते हैं।

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इससे बंगाल की खाड़ी में शांति बरकरार रखने में मदद मिलेगी। इस अग्रीमेंट के तहत बांग्लादेश की सेना के साथ भारत सहयोग कर सकता है। इससे बांग्लादेश की सेना को एक्सपर्ट ट्रेनिंग के साथ ही अन्य मदद भी मिल सकेगी। इससे लंबी अवधि में वह डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता भी हासिल कर सकता है। इस डिवेलपमेंट की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, 'बंगाल की खाड़ी में ब्लू इकॉनमी पार्टनरशिप से दोनों देशों के लिए नए मौके खुलेंगे। बंगाल की खाड़ी में हमारे साझा समुद्री क्षेत्र में शांति बनाए रखने की दोनों देशों की साझा जिम्मेदारी भी है। इससे ब्लू इकॉनमी की क्षमता का इस्तेमाल किया जा सकेगा।'

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हाइड्रोकार्बन्स और अन्य समुद्री संसाधनों, गहरे समुद्र में मछली पकड़ने, समुद्री पर्यावरण के संरक्षण जैसे उद्देश्यों के लिए 2015 में मोदी की ब्लू इकॉनमी से जुड़ी पहल की शुरुआत हुई थी। बंगाल की खाड़ी का क्षेत्र हिंद महासागर तक जाता है। इसमें होरमुज स्ट्रेट से लेकर सुएज कैनाल जैसे समुद्री परिवहन के बहुत से रास्ते हैं। इस वजह से इस क्षेत्र में आने वाले देशों के बीच सुरक्षा को लेकर सहयोग महत्वपूर्ण है।

भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र में सेशल्स, मॉरीशस और श्रीलंका जैसे देशों के साथ ब्लू इकॉनमी के लिए सहयोग की शुरुआत की है। भारत के पास 7,500 किलोमीटर से अधिक की तटीय रेखा, 20 लाख स्क्वेयर किलोमीटर से अधिक एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन, 1,300 से अधिक द्वीप और नदियों का जाल है। देश के ट्रेड में समुद्री रास्ते से होने वाले व्यापार की वैल्यू के लिहाज से लगभग 75 पर्सेंट और वॉल्यूम में 90 पर्सेंट से अधिक हिस्सेदारी है। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की स्थिति रणनीतिक तौर पर बहुत अच्छी है।

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