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भारत की ताकत सहयोगात्मक संघवाद में निहित: राष्ट्रपति

कोलकाता, 20 जनवरी भाषा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहंा बंगाल वैश्विक व्यावसायिक शिखर सम्मेलन मंे सहयोगपूर्ण संघवाद पर अपनी राय रखते हुए कहा कि समूचे राष्ट्र के लिहाज से हर राज्य महत्वपूर्ण है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 20 Jan 2017, 5:20 pm
कोलकाता, 20 जनवरी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहंा बंगाल वैश्विक व्यावसायिक शिखर सम्मेलन मंे सहयोगपूर्ण संघवाद पर अपनी राय रखते हुए कहा कि समूचे राष्ट्र के लिहाज से हर राज्य महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, जब मुझे इस सम्मेलन का निमंत्रण मिला तो मैंने सोचा कि क्या गणतंत्र के राष्ट्रपति के रूप में यह उचित होगा। लेकिन मुझे लगा कि चूंकि भारत में सहयोगपूर्ण संघवाद है जो कि हर राज्य की ताकत पर निर्भर करता है। विशेष रूप से जब आर्थिक विकास की बात आती है तो भारत की ताकत सहयोगपूर्ण संघवाद में है। मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के चमकदार इतिहास का जिक्र किया और कहा कि बंटवारे का नुकसान इस राज्य को हुआ तथा दुर्भाग्यपूर्ण हालात व परिस्थितियों के कारण वृद्धि घटी। कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थीं। राष्ट्रपति ने ममता की प्रशंसा करते हुए कहा कि बीते 6-7 साल में वृद्धि गाथा को फिर से शुरू करने के जरूरी तत्व सृजित हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह बुनियादी ढांचा हो या कुछ और पश्चिम बंगाल निवेश के लिए गंतव्य बना है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि राज्य ने राजस्व संग्रहण में तेजी दिखाई है। राष्ट्रपति ने कहा, उदारीकरण के बाद व नियंत्रित अर्थव्यवस्था के ढहने के बाद देश में आमूल चूल बदलाव आया है। बंगाल में इन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। निवेश बढा है और बंगाल आर्थिक विकास की नयी उंचाई पर है।

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