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Indians in UAE: अबू धाबी में भारतीयों की हत्या, समझिए भारत के लिए यूएई क्यों है अहम जहां से हर साल आते हैं अरबों रुपये!

Indians in UAE: अबू धाबी में हूती विद्रोहियों ने 2 भारतीयों और एक पाकिस्‍तानी नागरिक की हत्‍या कर दी है। यूएई में बहुत सारे भारतीय रहते हैं, जिसके चलते भारत के लिहाज से यूएई बहुत ही अहम है। यूएई में करीब 35 लाख भारतीय रहते हैं, जो वहां की कुल आबादी का करीब 30 फीसदी है। आबादी के नजरिए से एक बात तो साफ है कि यूएई में हर तीसरा शख्स भारतीय है।

Curated byअनुज मौर्या | नवभारतटाइम्स.कॉम 18 Jan 2022, 3:11 pm
Indians in UAE: यमन के कुख्‍यात हूती विद्रोहियों ने संयुक्‍त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में 2 भारतीयों और एक पाकिस्‍तानी नागरिक की हत्‍या कर दी है। इस हरकत के बाद उन्होंने चेतावनी दी है कि वह विदेशियों को आगे भी निशाना बनाते रहेंगे। हूती विद्रोहियों ने विदेशी कंपनियों, नागरिकों और यूएई के लोगों को धमकी दी है कि वे अपने टारगेट लिस्‍ट का विस्‍तार करने से नहीं हिचकेंगे। यूएई में बहुत सारे भारतीय रहते हैं, जिसके चलते भारत के लिहाज से यूएई बहुत ही अहम है।
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Indians in UAE: अबू धाबी में भारतीयों की हत्या, समझिए भारत के लिए यूएई क्यों है अहम जहां से हर साल आते हैं अरबों रुपये!


भारत के लिए कितना अहम है यूएई?

भारत के लोगों के लिए यूएई कितना अहम है, इसका अंदाजा तो वहां की भारतीय आबादी से ही लगता है, जो करीब एक तिहाई है। वहां पर भारत से बहुत सारे लोग रोजी-रोटी कमाने जाते हैं। ये लोग यूएई से भारत में ढेर सारा पैसे भेजते हैं, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ता है। विदेशों से आने वाले पैसे की बात करें तो सबसे अधिक पैसा यूएई से ही भारत आता है। यूएई से भारत में करीब 15 अरब डॉलर आते हैं। वहीं 2020-21 में भारत में आया कुल रेमिटेंस करीब 87 अरब डॉलर था। यानी कुल रेमिटेंस का करीब 18 फीसदी तो सिर्फ यूएई से ही आता है।

यूएई की 30 फीसदी आबादी भारतीय

संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई में भारतीय दूतावास से मिली जानकारी के अनुसार अभी यूएई में करीब 35 लाख भारतीय रहते हैं, जो वहां की कुल आबादी का करीब 30 फीसदी है। इनमें से करीब 15 फीसदी लोग तो आबू धाबी में है, जबकि बाकी के 15 फीसदी दुबई समेत अन्य जगहों पर रहते हैं। इनमें से अधिकतर लोग भारत के केरल से हैं। इसके अलावा तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से भी यहां पर लोग हैं। आबादी के नजरिए से एक बात तो साफ है कि यूएई में हर तीसरा शख्स भारतीय है। यानी अगर यूएई में यूं ही विदेशियों या वहां की आबादी पर भी हमले हुए तो इससे भारतीयों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचेगा।

आखिर यूएई क्यों है भारतीयों की पहली पंसद?

  • ज्यादातर भारतीय जो विदेशों में काम करना चाहते हैं, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) उनकी पहली पसंद है। टॉप-5 देशों की लिस्ट में पहले नंबर पर यूएई फिर सऊदी अरब, कतर, अमेरिका और ओमान शामिल हैं। यानी सिर्फ अमेरिका ही एक गैर-खाड़ी देश है, जो टॉप-5 में है। यूएई भारतीयों की पहली पसंद होने की कई वजहें हैं।
  • यूएई उन विदेशों में सबसे पास वाला देश है, जहां पर नौकरी के ढेर सारे मौके हैं। दिल्ली से दुबई की दूरी महज 2200 किलोमीटर है।
  • यूएई की करंसी भारत की करंसी से महंगी है। वहां का एक दिरहम भारत के करीब 20 रुपये के बराबर है। यानी वहां अगर 5 हजार दिरहम की नौकरी भी लग जाती है तो भारत के हिसाब से वह 1 लाख रुपये बन जाएंगे।
  • भारत में कमाई पर इनकम टैक्स लगता है, जिसकी ऊपरी स्लैब 30 फीसदी की है। यानी 1 लाख में से 30 हजार रुपये का टैक्स। हालांकि, कई तरीकों से आप 10-12 लाख रुपये की आय तक टैक्स बचा सकते हैं, लेकिन अगर आपकी सालाना आय इससे अधिक हुई तो आपको भारी टैक्स चुकाना पड़ता है। यूएई में कोई इनकम टैक्स नहीं लगता।
  • यूएई में जीएसटी जैसा भी कोई टैक्स नहीं है, जिसकी वजह से भारत में हर सामान की कीमत काफी अधिक बढ़ जाती है।

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अनुज मौर्या

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