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छोटे निर्यातकों के लिए इंश्योरेंस सपोर्ट और निर्वीक स्कीम

[ कीर्तिका सुनेजा | नई दिल्ली ]छोटे निर्यातकों के लिए बीमा सुरक्षा बढ़ाने और प्रीमियम कम करने की सरकार की स्कीम इंडस्ट्री को पसंद आई है। इंडस्ट्री ...

इकनॉमिक टाइम्स 2 Feb 2020, 9:00 am

[ कीर्तिका सुनेजा | नई दिल्ली ]

छोटे निर्यातकों के लिए बीमा सुरक्षा बढ़ाने और प्रीमियम कम करने की सरकार की स्कीम इंडस्ट्री को पसंद आई है। इंडस्ट्री का कहना है कि देश के घटते निर्यात के मद्देनजर यह सही समय पर उठाया गया कदम है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में निर्यात ऋण विकास योजना या निर्वीक की घोषणा की। इसके तहत छोटे निर्यातकों को अधिक बीमा सुरक्षा मिलेगी और उन्हें कम प्रीमियम देना होगा।

सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान कहा, 'निर्यात के लिए अधिक कर्ज देने के लिए एक नई स्कीम निर्वीक शुरू की जा रही है। इसमें छोटे निर्यातकों को कम प्रीमियम पर अधिक बीमा सुरक्षा मिलेगी और क्लेम का आसानी से निपटारा होगा।'

कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम (ECIS) पर भी कार्य कर रही है। इसके तहत प्रिंसिपल और इंटरेस्ट के 90 पर्सेंट तक इंश्योरेंस गारंटी मिल सकती है। अभी एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन 60 पर्सेंट तक के नुकसान के लिए क्रेडिट गारंटी उपलब्ध कराता है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय ने कहा, 'मंदी और अनिश्चितता के दौरान यह एक समय पर उठाया गया कदम है।' उन्होंने बताया कि बीमा सुरक्षा बढ़ने से छोटे निर्यातकों को काफी मदद मिलेगी।

दिसंबर में देश का एक्सपोर्ट 1.8 पर्सेंट गिरकर 27.36 अरब डॉलर रहा था। एक्सपोर्ट करने वाले 30 सेक्टर्स में से 19 में गिरावट रही थी।

अप्रैल-दिसंबर 2019 के दौरान एक्सपोर्ट 1.96 पर्सेंट घटकर 239.29 अरब डॉलर रहा, जबकि इम्पोर्ट 8.9 पर्सेंट गिरकर 357.39 अरब डॉलर का था। इससे 118.10 अरब डॉलर का ट्रेड डेफिसिट रहा।

निर्यातकों की समस्याओं में कर्ज की कमी शामिल है। एक्सपोर्ट क्रेडिट 2018-19 में 23 पर्सेंट घटकर 9.57 लाख करोड़ रुपये रहा था। 2017-18 में यह 12.39 लाख करोड़ रुपये था।

टैक्स रिअम्बर्समेंट स्कीम

सीतारमण ने बताया कि निर्यातकों की ओर से चुकाए गए टैक्स और ड्यूटी के रिअम्बर्समेंट के लिए इस वर्ष एक स्कीम शुरू की जाएगी। इसमें केंद्र, राज्य और स्थानीय स्तर पर लगाई गई ड्यूटी का डिजिटल तरीके से रिफंड दिया जाएगा।

इन टैक्स में वैल्यू एडेड टैक्स, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी शामिल हैं, जिनपर अभी कोई छूट या रिफंड नहीं मिलता।

मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम के ग्लोबल ट्रेड नॉर्म्स का उल्लंघन करने के कारण नई स्कीम शुरू की जा रही है।

वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) के रूल्स के अनुसार, पावर, ऑयल पर ड्यूटी और एजुकेशन सेस का रिफंड देने की अनुमति है।

सीतारमण ने प्रत्येक जिले को एक एक्सपोर्ट हब के तौर पर विकसित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की कोशिशों को एक साथ मिलाया जा रहा है। इसके साथ ही प्रत्येक जिले को एक एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए जरूरी मदद भी दी जाएगी।

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