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सस्ती कारें लाने वाला है मारुति? जानिए नए सीईओ ने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में क्या बताया प्लान

Maruti Suzuki CEO Hisashi Takeuchi Interview: कोरोना काल में आई चुनौतियों के बावजूद भारत दुनिया में सबसे लाभप्रद कार बाजार बना रहा और मांग तेजी से रिकवर हुई। भारत में कार कंपनियों के लिए काफी स्कोप है। कार बाजार आगे भी ग्रोथ करेगा और अधिक लोग कार चलाना शुरू करेंगे।

Authored byPankaj Doval | Edited byपवन जायसवाल | टाइम्स न्यूज नेटवर्क 18 Apr 2022, 1:15 pm
नई दिल्ली: मारुति (Maruti) एसयूवी और इलेक्ट्रिक कारों की एक सीरीज लॉन्च करेगी। इनमें से कुछ टोयोटा (Toyota) के साथ पार्टनरशिप में लॉन्च होगी। कंपनी भारत में अपनी खोई बाजार हिस्सेदारी को फिर से पाना चाहती है। गौरतलब है कि कंपनी की भारत में बाजार हिस्सेदारी साल 2019-20 के 51 फीसद से गिरकर साल 2021-22 में 43 फीसद पर आ गई है। इस तरह इसमें 8 फीसद की गिरावट आई है। यही कारण है कि कंपनी अपना उत्पादन बढ़ाने और प्रतिस्पर्धा से डटकर मुकाबला करने के मूड में है। मारुति के नए एमडी हिसाशी ताकेयूची (Hisashi Takeuchi) ने एक इंटरव्यू में यह बात कही। ताकेयूची ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'मेरा मानना है कि बिजनेस करना आसान नहीं है..हमें प्रतिस्पर्धा को देखते हुए किफायती कीमत में बेहतर प्रोडक्ट्स देने होते हैं। हमें प्रतिस्पर्धा से डटकर मुकाबला करना होता है।' तगड़ी प्रतिस्पर्धा और उत्पादन में कमी के चलते बाजार हिस्सेदारी में गिरावट पर बोलते हुए उन्होंने यह बात कही।
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मारुति के एमडी ने इंटरव्यू में बताई बड़ी बातें


काफी फायदेमंद होगी यह साझेदारी

टोयाटा के साथ साझेदारी पर उन्होंने कहा, 'अपने साझेदार की हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक्स में मजबूती के चलते मारुति को फायदा हुआ है।' उन्होंने आगे कहा, 'वह (टोयोटा) इंडस्ट्री की सबसे बेहतर कंपनियों में से एक है। यह मारुति के लिए काफी फायदेमंद होगा। ऐसे में हम दोनों के लिए काफी लाभदायक कारोबार होगा।' दूसरों की तरह ही हमारे उत्पादन पर भी सेमीकंडक्टर की कमी का असर पड़ा। इसके चलते हम कम उत्पादन कर पाए और ग्राहकों को देरी से डिलीवरी दे पाए।

भारतीय बाजार में कार कंपनियों के लिए काफी अवसर

ताकेयूची ने कहा, 'कोरोना काल में आई चुनौतियों के बावजूद भारत दुनिया में सबसे लाभप्रद कार बाजार बना रहा और मांग तेजी से रिकवर हुई। भारत में कार कंपनियों के लिए काफी स्कोप है। कार बाजार आगे भी ग्रोथ करेगा और अधिक लोग कार चलाना शुरू करेंगे।' हालांकि, बढ़ती प्रतिस्पर्धा मारुति के नए सीईओ की चिंताएं बढ़ा रही हैं। टाटा मोटर्स (Tata Motors) एसयूवी और इलेक्ट्रिक्स के मामले में लगातार सफलताएं जुटा रहा है और इसी तरह किया (Kia), ह्यूंदै (Hyundai), स्कोडा (Skoda), महिंद्रा (Mahindra), फॉक्सवैगन (Volkswagen) और एमजी (MG) के मामले में है। उन्होंने कहा, 'भारत में प्रतिस्पर्धा काफी सीरियस हो गई है। यह स्वाभाविक है और यहां वृद्धि की क्षमताएं भी हैं। यह आत्मनिर्भर भारत कैंपेन और मेक इन इंडिया के लिए अच्छा है। कंपनियां अधिक कारोबार पैदा करेंगी और इंडस्ट्री बड़ी होगी।'
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धीरे-धीरे 50% बाजार हिस्सेदारी तक पहुंचेंगे

पचास फीसद बाजार हिस्सेदारी के बारे में उन्होंने कहा कि इसे फटाफट नहीं पाया जा सकता। विशेषरूप से तब, जब कंपनी एक हेल्दी एसयूवी पोर्टफोलियो बनाना चाहती है। उन्होंने कहा, ' हम 50 फीसद के हमारे लक्ष्य तक पहुंचेंगे, लेकिन यह धीरे-धीरे होगा। यद्यपि हम छोटी कारों के मामले में काफी मजबूत हैं, जहां हमारे पास आधी से अधिक बाजार हिस्सेदारी है। लेकिन हम एसयूवी में सफलता के बिना कुल यात्री वाहनों में 50 फीसद की बाजार हिस्सेदारी नहीं पा सकते। इसलिए हम एसयूवी की योजना बना रहे हैं और हम इस कैटेगरी में कमबैक करेंगे।' साथ ही ताकेयूची ने कहा कि एसयूवी की बढ़ती मांग के बावजूद छोटी कारों का बाजार भारत में मजबूत बना रहेगा, क्योंकि ये किफायती होती हैं और जो दोपहिया वाहनों से कार में शिफ्ट करते हैं, उनके लिए यह पहली पसंदी होती है।

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