सरकारी बैंकों में 15000 करोड़ का घोटाला करके हैं भागे
बता दें कि स्टर्लिंग बायोटेक के प्रमोटर नितिन और चेतन संदेसरा सरकारी बैंकों में 15000 करोड़ रुपये की हेराफेरी के बाद नाइजीरिया भाग गए थे। कुछ विदेशी मीडिया रिपोर्टों में यह अनुमान लगाया गया है कि भारतीय अदालतों द्वारा 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित किए जाने, उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट और इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस लंबित होने के बावजूद संदेसरा, कुछ भारतीय सरकारी तेल कंपनियां को यूके में रजिस्टर्ड फर्म के जरिए तेल की सप्लाई कर रहे हैं।
क्या जवाब दिया वित्त राज्य मंत्री ने
ओवैसी के सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित उत्तर में कहा, "जनवरी 2018 से अब तक भारतीय प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा SEEPCO नाइजीरिया के किसी भी तेल शिपमेंट को जब्त नहीं किया गया है।" हालांकि मंत्री ने यह उल्लेख नहीं किया कि क्या वाकई भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां संदेसरा की प्रमुख इकाइयों के साथ काम कर रही हैं या उनका प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से संदेसरा की फर्म के साथ कोई संबंध है। चौधरी ने कहा कि विभिन्न एजेंसियों ने दोनों संदेसरा भाइयों के खिलाफ अभियोजन की कार्यवाही शुरू कर दी है।
क्या एक्शन लिए जा चुके हैं
संदेसरा भाइयों पर लिए गए एक्शन को लेकर मंत्री ने कहा, “22 जून के एक आदेश में सेबी ने नितिन और चेतन संदेसरा को पांच साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट को एक्सेस करने से रोक दिया है और उन्हें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या सेबी के साथ रजिस्टर्ड किसी भी मध्यस्थ में कोई भी मैनेजमेंट पोजिशन रखने से रोक दिया है।” प्रवर्तन निदेशालय पहले ही संदेसरा बंधुओं की 14,500 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुका है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन और दुबई में 9,700 करोड़ रुपये से अधिक की तेल रिग्स, निजी जेट और लग्जरी प्रॉपर्टी शामिल हैं। कुल अटैचमेंट 14,500 करोड़ रुपये से अधिक है। हालांकि, अटैचमेंट ऑर्डर से संदेसरा बंधुओं की वित्तीय स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ा है क्योंकि उनके द्वारा वैश्विक तेल आपूर्ति श्रृंखला का संचालन जारी है।
नाइजीरिया और अल्बानिया की नागरिकता ले चुके हैं संदेसरा भाई
एजेंसियों से मिली जानकारी से पता चला है कि दोनों भाई (Nitin and Chetan Sandesara) 2017 में परिवार के साथ भारत से भाग गए थे। वे नाइजीरिया और अल्बानिया में आवागमन करते रहते हैं और दोनों देशों की नागरिकता ले चुके हैं। एक सूत्र ने कहा कि नाइजीरिया ने पूर्व में इन आरोपियों के प्रत्यर्पण (Extradition) के लिए भारत के अनुरोध पर विचार करने से इनकार कर दिया था।