नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को कोविड-19 महामारी के प्रभाव से बाहर निकलने में कम-से-कम 7 से 8 महीने का समय लगेगा। इतना ही नहीं पुनरूद्धार की दर इस बात पर निर्भर करेगी कि डिजिटलीकरण की दर क्या है और वे किस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। डन एंड ब्रॉडस्ट्रीट के वैश्विक मुख्य अर्थशास्त्री अरूण सिंह ने मंगलवार को यह कहा। एमएसएमई क्षेत्र का देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 29 प्रतिशत योगदान है। महामारी से यह क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुआ। वेबिनार (इंटरनेट के जरिये आयोजित सेमिनार) को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि एमएसएमई का पुनरूद्धार में लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करेगा कि वह कौन से क्षेत्र में कार्यरत है। उन्होंने कहा कि डिजिटल खंड से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग, दूरसंचार और ई-शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले उद्यमों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्हें महामारी के दौरान आगे बढ़ने का असर मिला है। सिंह ने कहा कि दूसरी तरफ खाद्य, औषधि, आईटी संबद्ध सेवाएं, बैंक, खुदरा, वाहन, रीयल एस्टेट और आभूषण जैसे परंपरागत क्षेत्रों पर मध्यम से उच्च प्रभाव पड़ा है।डन एंड ब्रॉडस्ट्रीट के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि इन क्षेत्रों के पुनरूद्धार में छह महीने से एक साल तक का समय लगेगा। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक और गोदाम, मीडिया और मनोरंजन उद्योग को फरवरी, 2020 के स्तर पर आने में एक साल तक का समय लग सकता है। सिंह ने कहा कि एमएसएमई को पटरी पर आने में औसतन कम-से-कम 7-8 महीने का समय लगेगा।
एमएसएमई क्षेत्र को कोविड-19 के झटके से उबरने में 7-8 महीने का लगेंगे: डीएंडबी अर्थशास्त्री
नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को कोविड-19 महामारी के प्रभाव से बाहर निकलने में कम-से-कम 7 से 8 महीने का समय लगेगा। इतना ही नहीं पुनरूद्धार की दर इस बात पर निर्भर करेगी कि डिजिटलीकरण की दर क्या है और वे किस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। डन एंड ब्रॉडस्ट्रीट के वैश्विक मुख्य अर्थशास्त्री अरूण सिंह ने मंगलवार को यह कहा। एमएसएमई क्षेत्र का देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 29 प्रतिशत योगदान है। महामारी से यह क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुआ। वेबिनार (इंटरनेट के जरिये आयोजित सेमिनार) को संबोधित करते हुए सिंह ने
भाषा 11 Aug 2020, 6:40 pm