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जानिए कैसे PSU के पितामह कृष्णमूर्ति ने रखी थी भेल, सेल और मारुति की नींव

V Krishnamurthy : एक एयरफील्ड तकनीशियन के रूप में शुरुआत करते हुए कृष्णमूर्ति ने सबसे पहले भेल (BHEL) में अपनी छाप छोड़ी। धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए करुवेली, तमिलनाडु के सीए और सोवियत एकेडमी ऑफ साइंसेज से इकोनॉमी में डॉक्टरेट अपने जीवन के चौथे दशक में ही भेल के चेयरमैन बन गए।

Pawan Jayaswal | Edited byपवन जायसवाल | टाइम्स न्यूज नेटवर्क 27 Jun 2022, 12:36 pm
नई दिल्ली : पीएसयू (PSU) यानी सरकारी क्षेत्र की कंपनियों के पितामाह माने जाने वाले वेंकटरमन कृष्णमूर्ति (Venkataraman Krishnamurthy) अब इस दुनिया में नहीं हैं। कृष्णमूर्ति का रविवार को निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे। कृष्णमूर्ती ने सरकार के नियंत्रण वाली कम से कम तीन कंपनियों का नेतृत्व किया था। ये कंपनियां हैं, भेल (BHEL), सेल (SAIL) और मारुति उद्योग (Maruti Udyog)। मारुति उद्योग आज की मारुति सुजुकी ही है। इसके अलावा कृष्णमूर्ति साल 1985 से 1990 तक सेल के चेयरमैन रहे थे। कंपनी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। मारुति सुजुकी इंडिया के अध्यक्ष आर सी भार्गव ने कहा, "वे एक ऐसे लीडर हैं, जिनके नेतृत्व में ही मारुति का पूरा कल्चर तैयार हुआ। उन्होंने जापानियों में विश्वास जताया, नहीं तो शायद सुजुकी भारत में नहीं आती। लेकिन सुजुकी उनसे व मुझसे मिली और उसके बाद कंपनी में भारत आने का साहस आ गया।"
नवभारतटाइम्स.कॉम Venkataraman Krishnamurthy
नहीं रहे पीएसयू के पितामह वेंकटरमन कृष्णमूर्ति


सबसे पहले भेल में छोड़ी अपनी छाप

एक एयरफील्ड तकनीशियन के रूप में शुरुआत करते हुए कृष्णमूर्ति ने सबसे पहले भेल (BHEL) में अपनी छाप छोड़ी। धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए करुवेली, तमिलनाडु के सीए और सोवियत एकेडमी ऑफ साइंसेज से इकोनॉमी में डॉक्टरेट अपने जीवन के चौथे दशक में ही भेल के चेयरमैन बन गए। वहीं, टीवीएस के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने कहा, "जब से मैंने काम शुरू किया और अपने पूरे करियर के दौरान वी कृष्णमूर्ति मेरे गुरु थे। टीवीएस मोटर कंपनी बनाने में मेरी मदद करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।"

देश में लाए जापानी वर्क कल्चर

मारुति सुजुकी इंडिया के अध्यक्ष आर सी भार्गव ने कृष्णमूर्ति को एक उत्कृष्ट नेता और दूरदर्शी व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि कृष्णमूर्ति के नेतृत्व में मारुति उद्योग परियोजना शुरू की गई और भारत में पूरी तरह नई जापानी कार्य संस्कृति पेश की गई।

सरकारी कामकाज में लाए अहम मैनेजमेंट कॉन्सेप्ट्स

साल 1977 में कृष्णमूर्ति को भारी उद्योग सचिव नियुक्त किया गया, जहाँ उन्हें सरकारी कामकाज में भी कुछ मैनेजमेंट कॉन्सेप्ट्स को लाने का श्रेय दिया जाता है। जब इंदिरा गांधी सत्ता में लौटीं, तो उन्होंने अपनी छोटी कार परियोजना को पुनर्जीवित करने के लिए कृष्णमूर्ति का रुख किया। मारुति के बाद, राजीव गांधी ने सेल को चालू करने में कृष्णमूर्ति की सेवाएं लेने का फैसला किया।
V Krishnamurthy : सेल और मारूति सुजुकी के पूर्व अध्यक्ष वी कृष्णमूर्ति का निधन
योजना आयोग के सदस्य भी रहे

इसके बाद वे साल 1991-92 में योजना आयोग के सदस्य बने और बाद में यूपीए शासन के दौरान राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद (NMCC) का नेतृत्व किया। 1950 के दशक में भी उन्होंने योजना आयोग में काम किया था। इस समय उन्होंने बिजली परियोजनाओं पर काम किया था।

विवादों में भी घिरे

कृष्णमूर्ति के जीवन में कुछ विवाद भी आए। इसमें एक सीबीआई जांच भी शामिल थी। जिसके कारण 1992 में उन्हें तीन सप्ताह के लिए हिरासत में लिया गया था। बाद में उन्हें बरी कर दिया गया था।

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