मयूर शेट्टी, मुंबई
एचडीएफसी बैंक के मोबाइल बैंकिंग ऐप के बंद होने से इसके ग्राहकों को जो परेशानी झेलनी पड़ी है, वह आम तौर पर साप्ताहांत में बैंक की शाखाओं के बंद रहने की तुलना में ज्यादा बड़ी है। एचडीएफसी बैंक के नए मोबाइल बैंकिंग ऐप में गड़बड़ी एक बग से पैदा हुई है। एचडीएफसी बैंक मोबाइल ऐप की गड़बड़ी आखिर इतना बड़ा मुद्दा बना कैसे? दरअसल, इसका सबसे बड़ा कारण इसके जरिये रोजाना भारी तादाद में होने वाला ट्रांजैक्शन है। अगस्त में एचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप से कुल 34,335 करोड़ रुपये के ट्राजैक्शन हुए, जो इसके ग्राहकों द्वारा एटीएम से किए गए 18,597 करोड़ रुपये के लेनदेन की तुलना में काफी अधिक हैं।
अगर गैर वित्तीय पहलुओं जैसे बैलेंस इन्क्वायरी को भी ध्यान में रखा जाए, तो एचडीएफसी बैंक में कुल दो तिहाई ट्रांजैक्शन मोबाइल बैंकिंग ऐप के जरिये हुआ। बैंक के एक सूत्र के मुताबिक, अधिकतर ग्राहकों के लिए मोबाइल बैंकिंग ट्रांजैक्शन प्राइमरी सोर्स बन गया है।
इस बीच, एचडीएफसी ने अंततः मंगलवार को पुराने मोबाइल बैंकिंग ऐप को एंड्रॉयड प्ले स्टोर और एपल के ऐप स्टोर को रिस्टोर कर दिया। वैल्यू के टर्म में देश में होने वाले कुल मोबाइल बैंकिंग ट्रांजैक्शन में एचडीएफसी बैंक की हिस्सेदारी लगभग 15 फीसदी है। सरकारी बैंकों की तुलना में एचडीएफसी बैंक और अन्य निजी बैंक अपनी सेवाओं को ज्यादा से ज्यादा डिजिटाइज्ड करने में सफल हुए हैं।
बैंकरों के मुताबिक मोबाइल बैंकिंग के जरिये ट्रांजैक्शन अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि इसमें ऑथेंटिकेशन के कई चरणों से गुजरना पड़ता है। एक निजी बैंक के अधिकारी ने बताया कि यहां तक कि इंटरनेट बैकिंग के लिए भी मोबाइल फोन का ही इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि मोबाइल बैंकिंग के कारण अधिकतर ग्राहक महीने में महीने में एक बार भी बैंक की शाखा नहीं जाते हैं। यही कारण है कि मोबाइल बैंकिंग बंद होने की स्थिति में सेविंग अकाउंट वाले लोग ज्यादा से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
एचडीएफसी बैंक के मोबाइल बैंकिंग ऐप के बंद होने से इसके ग्राहकों को जो परेशानी झेलनी पड़ी है, वह आम तौर पर साप्ताहांत में बैंक की शाखाओं के बंद रहने की तुलना में ज्यादा बड़ी है। एचडीएफसी बैंक के नए मोबाइल बैंकिंग ऐप में गड़बड़ी एक बग से पैदा हुई है।
अगर गैर वित्तीय पहलुओं जैसे बैलेंस इन्क्वायरी को भी ध्यान में रखा जाए, तो एचडीएफसी बैंक में कुल दो तिहाई ट्रांजैक्शन मोबाइल बैंकिंग ऐप के जरिये हुआ। बैंक के एक सूत्र के मुताबिक, अधिकतर ग्राहकों के लिए मोबाइल बैंकिंग ट्रांजैक्शन प्राइमरी सोर्स बन गया है।
इस बीच, एचडीएफसी ने अंततः मंगलवार को पुराने मोबाइल बैंकिंग ऐप को एंड्रॉयड प्ले स्टोर और एपल के ऐप स्टोर को रिस्टोर कर दिया। वैल्यू के टर्म में देश में होने वाले कुल मोबाइल बैंकिंग ट्रांजैक्शन में एचडीएफसी बैंक की हिस्सेदारी लगभग 15 फीसदी है। सरकारी बैंकों की तुलना में एचडीएफसी बैंक और अन्य निजी बैंक अपनी सेवाओं को ज्यादा से ज्यादा डिजिटाइज्ड करने में सफल हुए हैं।
बैंकरों के मुताबिक मोबाइल बैंकिंग के जरिये ट्रांजैक्शन अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि इसमें ऑथेंटिकेशन के कई चरणों से गुजरना पड़ता है। एक निजी बैंक के अधिकारी ने बताया कि यहां तक कि इंटरनेट बैकिंग के लिए भी मोबाइल फोन का ही इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि मोबाइल बैंकिंग के कारण अधिकतर ग्राहक महीने में महीने में एक बार भी बैंक की शाखा नहीं जाते हैं। यही कारण है कि मोबाइल बैंकिंग बंद होने की स्थिति में सेविंग अकाउंट वाले लोग ज्यादा से ज्यादा प्रभावित होते हैं।