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मनरेगा का रेट बढ़ा, 14 करोड़ से अधिक लोगों को होगा फायदा, UP में सबसे कम बढ़ी मजदूरी

केंद्र सरकार ने मनरेगा (MGNREGA) के तहत मिलने वाली मजदूरी का रेट बढ़ा दिया है। फाइनेंशियल ईयर 2025 के लिए इस योजना के तहत मजदूरी में औसतन 28 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है।

Curated byदिल प्रकाश | नवभारतटाइम्स.कॉम 28 Mar 2024, 10:32 am

हाइलाइट्स

  • लोकसभा चुनावों से पहले मनरेगा में मजदूरी बढ़ी
  • 14 करोड़ से अधिक लोगों को इसका फायदा होगा
  • हरियाणा-गोवा में सबसे ज्यादा बढ़ी मनरेगा मजदूरी
  • यूपी-उत्तराखंड में इसमें महज सात रुपये की बढ़ोतरी
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नवभारतटाइम्स.कॉम MGNREGA wage hike
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मनरेगा (MGNREGA) के तहत मिलने वाली मजदूरी का रेट बढ़ा दिया है। फाइनेंशियल ईयर 2025 के लिए इस योजना के तहत मजदूरी में औसतन 28 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। फाइनेंशियल ईयर 2025 में यह औसतन 289 रुपये है जबकि पिछले फाइनेंशियल ईयर में इसका औसत 261 रुपये था। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के आंकड़ों के मुताबिक मनरेगा योजना में 14.34 करोड़ एक्टिव वर्कर्स हैं। मनरेगा का मकसद ग्रामीण इलाकों में लोगों को साल में कम से कम 100 दिन का काम मुहैया कराना है। मनरेगा मजदूरों के लिए नई वेतन दरें 1 अप्रैल, 2024 से लागू होंगी।
नोटिफिकेशन के मुताबिक हरियाणा में मनरेगा की दर सबसे अधिक है। यहां इस योजना के तहत रोजाना 374 रुपये मिलेंगे। इसके बाद गोवा का नंबर है। इस राज्य में मनरेगा की मजदूरी दरों में 10.6 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। गोवा में इसमें 34 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। कर्नाटक में रोजाना मजदूरी में 33 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। गोवा में अब मनरेगा में रोजाना 356 रुपये और केरल में 346 रुपये मजदूरी मिलेगी। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 2023-24 की तुलना में 2024-25 के लिए मजदूरी दर में सबसे कम 3 फीसदी का इजाफा हुआ है। इन दोनों राज्यों में मनरेगा की मजदूरी में केवल सात रुपये की बढ़ोतरी की गई है। 21 राज्यों में मनरेगा की मजदूरी में 10 से 20 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।


चुनाव आयोग से अनुमति

सूत्रों के मुताबिक ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के तहत मजदूरी की नई दरों को नोटिफाई करने से पहले चुनाव आयोग से इसकी इजाजत मांगी थी। इसकी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस वक्त पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू है। आयोग से हरी झंडी मिलने के बाद ही मंत्रालय ने तुरंत बढ़ी हुई मजदूरी का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। संसद में हाल में पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मनरेगा के तहत दी जा रही मजदूरी पर्याप्त नहीं है। अनूप सतपथी कमिटी ने मनरेगा के तहत रोजाना 375 रुपये मजदूरी देने की सिफारिश की थी।

मनरेगा की शुरुआत साल 2005 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने की थी। यह दुनिया की सबसे बड़े रोजगार गारंटी योजनाओं में से एक है। इसमें ग्रामीण इलाकों में छोटे-मोटे विकास के काम कराए जाते हैं। इनमें गड्ढे खोदने से लेकर नाली बनाने जैसे काम शामिल हैं। योजना के तहत एक साल में 100 दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी मिलती है। कोरोना काल में लोगों के इससे बड़ी राहत मिली थी। फाइनेंशियल ईयर 2020 से 2023 तक इसके बजट में लगातार बढ़ोतरी हुई। फाइनेंशियल ईयर 2024 में इसका अनुमानित बजट 86,000 करोड़ रुपये का है। 2025 के लिए इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
लेखक के बारे में
दिल प्रकाश
दिल प्रकाश नवभारतटाइम्स.कॉम में असिस्टेंट न्यूज एडिटर हैं। उन्हें पत्रकारिता में 17 साल से अधिक अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत साल 2006 में यूनीवार्ता से की थी। शुरुआत में खेल डेस्क के लिए काम किया। इस दौरान राष्ट्रमंडल खेल (2010), हॉकी वर्ल्ड कप, आईपीएल और वनडे वर्ल्ड कप (2011) को कवर किया। फिर नेशनल ब्यूरो से जुड़े और पार्लियामेंट से लेकर राजनीति, डिफेंस और पर्यावरण जैसे कई विषयों पर रिपोर्टिंग की। इस दौरान तीन साल तक बीबीसी में भी आउटसाइड कंट्रीब्यूटर रहे। यूनीवार्ता में दस साल तक काम करने के बाद साल 2016 में बिजनस स्टैंडर्ड से जुड़े। फरवरी 2020 में ऑनलाइन का रुख किया।... और पढ़ें

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