मुंबई
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त, हालात के मुताबिक कदम उठाने वाला और निर्णायक प्रशासन दिया है, फिर भी एक गलत धारणा बना ली गई है कि यह भय पैदा कर रही है और बदले की भावना से काम कर रही है।
ET अवॉर्ड्स फॉर कॉर्पोरेट एक्सिलेंस को यहां शनिवार शाम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सरकार ने ऐसे कड़े और मुश्किल निर्णय करने की क्षमता दिखाई है, जो इकनॉमिक ग्रोथ की लंबी पारी की नींव डालने के लिए जरूरी थे। उन्होंने कहा कि चाहे करप्शन पर वार हो, देश की इकनॉमिक ग्रोथ की स्टोरी में गरीबों को विशेष कदमों के जरिए समाहित करने की बात हो या राष्ट्र की मुख्य धारा में कश्मीर को लाने की बात हो, सरकार ने साहसिक निर्णय किए हैं।
शाह ने कहा, 'यह सरकार सबसे ज्यादा पारदर्शी तरीके से चलाई जा रही है। हमारे विरोधी भी हमारे खिलाफ भ्रष्टाचार के एक भी मामले का आरोप नहीं लगा सकते। अगर कोई कुछ कहता है तो हम उसके मेरिट पर गौर करेंगे और सुधार का प्रयास करेंगे।'
शाह ने कहा कि एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट और सीबीआई ने कुछ कंपनियों और लोगों के खिलाफ हाल में भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि यह सब 'डीटॉक्सिफिकेशन' है, जो पहले की सरकारों के भ्रष्टाचार पर नरमी दिखाने के कारण जरूरी हो गया था। शाह ने कहा कि इससे उन लोगों को भय नहीं लगना चाहिए, जिन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।
गृह मंत्री ने कहा, 'मैं स्पष्टता के साथ कहना चाहता हूं कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है। बैंकिंग और फाइनैंस के आंकड़ों पर अगर आप नजर डालें तो पाएंगे कि 2004 से 2014 के बीच कुछ ऐसी घटनाएं हुईं, जिनमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी। हम यह जो कार्रवाई कर रहे हैं, वह चीजों को ठीक करने और सिस्टम में नई जान डालने के लिए कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि सरकार के विरोधियों ने 'भय की मानसिकता' बना दी है कि यह सरकार अपने विरोधियों को निशाने पर रखने में विश्वास करती है। उन्होंने कहा, 'एक वातावरण बना दिया गया है। यह माहौल ठीक करने के लिए हमें भी प्रयास करने होंगे। लेकिन मैं एक बात निश्चित रूप से कहना चाहता हूं कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है। लोग बहसों में और संसद में बोल रहे हैं। ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है, जिसके कारण सरकार के खिलाफ बोलने वाले को चिंता करनी पड़े।'
उन्होंने अथॉरिटीज की ओर से परेशान किए जाने पर रोक लगाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उठाए गए कुछ कदम गिनाए। उन्होंने टैक्स पेमेंट्स के ई-असेसमेंट और अतिरिक्त टैक्स डिपॉजिट के फेसलेस रिफंड का हवाला दिया।
'इंडिया इंक के साथ हर दम खड़ी है सरकार'
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इंडिया की इकॉनमी और मार्केट्स कहीं ज्यादा मजबूत होकर उभरेंगे। उन्होंने इंडस्ट्री से कहा कि वह साल 2024 तक देश को 5 लाख करोड़ डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करे। शाह ने उद्योगपतियों, बैंकरों और ब्यूरोक्रेट्स से कहा, 'हर दम नरेंद्र मोदी सरकार इंडस्ट्री के साथ खड़ी है।' उन्होंने कहा, 'आप सबके सहयोग से हिंदुस्तान 5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी बनेगा, ऐसा मेरा विश्वास है।'
शाह ने इंडस्ट्री से कहा कि वह अपनी समस्याएं सुलझाने के लिए मंत्रियों और रेगुलेटरों से चर्चा करे। गृह मंत्री ने कहा, 'सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सरकार के सभी विभाग आपके साथ मिलकर समाधान तलाशने को तैयार हैं। यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण समय है। भारतीय उद्योग जगत को एक शपथ लेनी होगी कि आगे बढ़ना है। आपको वह वादा पूरा भी करना होगा।'
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त, हालात के मुताबिक कदम उठाने वाला और निर्णायक प्रशासन दिया है, फिर भी एक गलत धारणा बना ली गई है कि यह भय पैदा कर रही है और बदले की भावना से काम कर रही है।
ET अवॉर्ड्स फॉर कॉर्पोरेट एक्सिलेंस को यहां शनिवार शाम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सरकार ने ऐसे कड़े और मुश्किल निर्णय करने की क्षमता दिखाई है, जो इकनॉमिक ग्रोथ की लंबी पारी की नींव डालने के लिए जरूरी थे। उन्होंने कहा कि चाहे करप्शन पर वार हो, देश की इकनॉमिक ग्रोथ की स्टोरी में गरीबों को विशेष कदमों के जरिए समाहित करने की बात हो या राष्ट्र की मुख्य धारा में कश्मीर को लाने की बात हो, सरकार ने साहसिक निर्णय किए हैं।
शाह ने कहा, 'यह सरकार सबसे ज्यादा पारदर्शी तरीके से चलाई जा रही है। हमारे विरोधी भी हमारे खिलाफ भ्रष्टाचार के एक भी मामले का आरोप नहीं लगा सकते। अगर कोई कुछ कहता है तो हम उसके मेरिट पर गौर करेंगे और सुधार का प्रयास करेंगे।'
शाह ने कहा कि एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट और सीबीआई ने कुछ कंपनियों और लोगों के खिलाफ हाल में भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि यह सब 'डीटॉक्सिफिकेशन' है, जो पहले की सरकारों के भ्रष्टाचार पर नरमी दिखाने के कारण जरूरी हो गया था। शाह ने कहा कि इससे उन लोगों को भय नहीं लगना चाहिए, जिन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।
गृह मंत्री ने कहा, 'मैं स्पष्टता के साथ कहना चाहता हूं कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है। बैंकिंग और फाइनैंस के आंकड़ों पर अगर आप नजर डालें तो पाएंगे कि 2004 से 2014 के बीच कुछ ऐसी घटनाएं हुईं, जिनमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी। हम यह जो कार्रवाई कर रहे हैं, वह चीजों को ठीक करने और सिस्टम में नई जान डालने के लिए कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि सरकार के विरोधियों ने 'भय की मानसिकता' बना दी है कि यह सरकार अपने विरोधियों को निशाने पर रखने में विश्वास करती है। उन्होंने कहा, 'एक वातावरण बना दिया गया है। यह माहौल ठीक करने के लिए हमें भी प्रयास करने होंगे। लेकिन मैं एक बात निश्चित रूप से कहना चाहता हूं कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है। लोग बहसों में और संसद में बोल रहे हैं। ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है, जिसके कारण सरकार के खिलाफ बोलने वाले को चिंता करनी पड़े।'
उन्होंने अथॉरिटीज की ओर से परेशान किए जाने पर रोक लगाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उठाए गए कुछ कदम गिनाए। उन्होंने टैक्स पेमेंट्स के ई-असेसमेंट और अतिरिक्त टैक्स डिपॉजिट के फेसलेस रिफंड का हवाला दिया।
'इंडिया इंक के साथ हर दम खड़ी है सरकार'
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इंडिया की इकॉनमी और मार्केट्स कहीं ज्यादा मजबूत होकर उभरेंगे। उन्होंने इंडस्ट्री से कहा कि वह साल 2024 तक देश को 5 लाख करोड़ डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करे। शाह ने उद्योगपतियों, बैंकरों और ब्यूरोक्रेट्स से कहा, 'हर दम नरेंद्र मोदी सरकार इंडस्ट्री के साथ खड़ी है।' उन्होंने कहा, 'आप सबके सहयोग से हिंदुस्तान 5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी बनेगा, ऐसा मेरा विश्वास है।'
शाह ने इंडस्ट्री से कहा कि वह अपनी समस्याएं सुलझाने के लिए मंत्रियों और रेगुलेटरों से चर्चा करे। गृह मंत्री ने कहा, 'सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सरकार के सभी विभाग आपके साथ मिलकर समाधान तलाशने को तैयार हैं। यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण समय है। भारतीय उद्योग जगत को एक शपथ लेनी होगी कि आगे बढ़ना है। आपको वह वादा पूरा भी करना होगा।'