उन्होंने हरियाणा के रोहतक में एक प्रौद्योगिकी केंद्र का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा कि उद्यमियों के देश के निर्माण के लिए इन केंद्रों में विकसित नई तकनीक को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए।
राणे ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी की चुनौती के दौरान इन एमएसएमई केंद्रों में विकसित तकनीक आत्मानिर्भर भारत पहल को अच्छी गति देगी।’’
एक अलग बयान में मंत्रालय ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने भारत की क्षमता को मजबूत करने की 'स्पिन' योजना शुरू की है। साथ ही कुम्हार समुदाय के 1,100 से अधिक लोगों को सशक्त बनाने के लिए वाराणसी में स्फूर्ति योजना के तहत मिट्टी बर्तन बनाने का क्लस्टर स्थापित किया गया।
मंत्रालय ने कहा कि स्पिन योजना और केवीआईसी के जरिये कुम्हारों को बैंकों से आसान ऋण प्राप्त करने में सुविधा होगी जिससे वे अपनी गतिविधियों में विविधता लाने और उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ग्राम भट्टी में मिट्टी के बर्तनों के लिये शंकुल शुरू किया गया। इसे 2.50 करोड़ रुपये की लागत से 7,100 वर्ग फुट के क्षेत्र में स्थापित किया गया है तथा इससे 340 मिट्टी के बर्तनों के कारीगरों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।