अधिकारियों ने कहा कि निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) और नीति आयोग के इस कार्यशाला में गैर-प्रमुख संपत्तियों की पहचान और उनकी तेजी से बिक्री के तौर-तरीकों पर विचार किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने कहा था कि तेल एवं गैस तथा बिजली क्षेत्र समेत सार्वजनिक उपक्रमों की बिना उपयोग या कम उपयोग वाली 100 संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाया जाएगा। इससे 2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश के अवसर सृजित होंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट भाषण में कहा था कि नये बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिये वित्त पोषण को लेकर सार्वजनिक ढांचागत संपत्ति को बाजार पर चढ़ाना महत्वपूर्ण विकल्प है।
उन्होंने कहा था, ‘‘पुरानी ढांचागत संपत्तियों के लिये एक राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन की शुरूआत की जाएगी। साथ ही संपत्ति को बाजार पर चढ़ाये जाने के मामले में प्रगति पर नजर रखने और संबंधित सूचनाएं वास्तविक समय पर निवेशकों को उपलब्ध कराने के लिये ‘डैशबोर्ड’ की शुरूआत की जाएगी।’’