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ओला, उबर के ड्राइवर क्या उनके कर्मचारी हैं, उच्च न्यायालय करेगा फैसला

नयी दिल्ली, आठ मई :भाषा: क्या एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली ओला और उबर के ड्राइवर या चालक इन कंपनियांे के कर्मचारी हैं?

भाषा 8 May 2017, 8:40 pm
नयी दिल्ली, आठ मई :भाषा: क्या एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली ओला और उबर के ड्राइवर या चालक इन कंपनियांे के कर्मचारी हैं? दिल्ली उच्च न्यायालय में आज यह सवाल उठा। उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर केंद्र का रख जानना चाहा है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने केंद्र सरकार के अलावा दिल्ली सरकार, उबर और ओला नाम से कैब सेवाएं देने वाली एएनआई टेक्नोलॉजीज को भी नोटिस दिया है और इस पर 10 अगस्त तक उनका जवाब मांगा है। यह मुद्दा ड्राइवरांे की यूनियन ने उठाया था। दिल्ली कमर्शियल ड्राइवर यूनियन ने आरोप लगाया था कि दोनांे कंपनियां ड्राइवरांे के साथ अपने कर्मचारी की तरह बर्ताव नहीं कर रही हैं और उनका शोषण कर रही हैं। यूनियन का दावा है कि डेढ़ लाख ड्राइवर उसके सदस्य हैं। यूनियन ने अपनी याचिका में कहा कि वेतन और सेवा शर्तों के मामले में ड्राइवरों का शोषण किया जा रहा है। उन्हंे दुर्घटना या मृत्यु के मामलों में मुआवजे जैसे लाभांे से वंचित किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने सुनवाई के दौरान कहा कि जो मुद्दा उठाया गया है वह या तो औद्योगिक विवाद की श्रेणी मंे आता है या फिर प्रशासन द्वारा लिया गया नीतिगत फैसला है। वहीं कंेद्र सरकार ने कहा कि ओला और उबर जैसी कंपनियांे के नियमन के लिए मोटर वाहन कानून में संशोधन संबंधी विधेयक लोकसभा मंे पारित किया गया है। हालांकि, याचिकाकर्ताआंे का कहना था कि इस प्रस्तावित कानून मंे ड्राइवरांे के समक्ष आ रही दिक्कतांे को शामिल नहीं किया गया है।

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