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सरकारी टारगेट हासिल हुआ तो देश में सरप्लस बिजली होगी

साल 2022 तक 261 गीगावॉट फ्रेश कपैसिटी ऐड करने की महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार को बड़ी कीमत...

इकनॉमिक टाइम्स 30 Aug 2016, 8:29 am
देबजॉय सेनगुप्ता, कोलकाता
नवभारतटाइम्स.कॉम power will be in surplus if offficial target achieved
सरकारी टारगेट हासिल हुआ तो देश में सरप्लस बिजली होगी

साल 2022 तक 261 गीगावॉट फ्रेश कपैसिटी ऐड करने की महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इससे पावर सरप्लस की स्थिति बनेगी, जिससे कपैसिटी यूटिलाइजेशन में कमी आएगी, स्ट्रेस्ड लोन का दबाव बनेगा, बैंक लोन डिफॉल्ट होंगे और सेक्टर में बड़े पैमाने पर कॉन्सॉलिडेशन होगा।

देश में इस समय कुल 303 गीगावॉट की इंस्टॉल्ड कपैसिटी है। इसमें 211 गीगावॉट का योगदान थर्मल और 42 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी का है। कपैसिटी एडिशन प्लान से कुल जेनरेशन कपैसिटी बढ़कर 564 गीगावॉट हो जाएगी, जिसमें 100 गीगावॉट का योगदान सोलर, 75 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी के दूसरे सोर्स और 86 गीगावॉट थर्मल एनर्जी का होगा। ब्रूकिंग्स इंडिया के मुताबिक रिन्यूएबल एनर्जी, कोल बेस्ड कपैसिटी और पावर डिमांड के डेटा में मेल नजर नहीं आ रहा है। 2020 तक 150 करोड़ टन कोयले के इस्तेमाल के टारगेट और 2022 तक 175 गीगावॉट रिन्यूएबल कपैसिटी एडिशन से बिजली की ओवरसप्लाई की स्थिति बनेगी।

'रिन्यूएबल एनर्जी को सपोर्ट करना जरूरी है, लेकिन इसके असर को ट्रांसमिशन नेटवर्क और फाइनैंस ही नहीं, सप्लाई के ऑल्टरनेटिव सोर्स के तीनों नजरिए से देखना होगा। टिकाऊ स्तर पर पहुंचने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी को कॉस्ट के मामले में बेहतर होने के साथ ही इंडियन ग्रिड में ऐसे पावर को ऐड करने के लिए बेहतर फ्रेमवर्क भी जरूरी होगा।'

केपीएमजी इंडिया में पार्टनर और रिन्यूएबल्स हेड संतोष कामत के मुताबिक, 'फिलहाल जो 62% प्लांट लोड फैक्टर है और 2-3 रुपये प्रति यूनिट की जो एक्सचेंज प्राइस है, उससे पता चलता है कि सिस्टम में सरप्लस है। इसके बावजूद 20 करोड़ लोगों को बिजली नहीं मिल पाती है और जिनको मिलती है उनको भी घंटों पावर कट की समस्या का सामना करना पड़ता है। सरकार नेटवर्क और अफोर्डेबिलिटी से जुड़े मसले निपटाने की कोशिश में जुटी है, जो लोगों को चौबीसों घंटे और सातों दिन बिजली आपूर्ति की राह में बाधक है। हालांकि, इसमें थोड़ा वक्त लगेगा और डिमांड में सालाना 6-7 पर्सेंट ग्रोथ होने की ही उम्मीद है।'

कामत ने कहा, 'अगर 175 गीगावॉट कपैसिटी एडिशन टारगेट हासिल हो जाता है और 20 करोड़ लोग पावर लाइन से कनेक्ट हो जाते हैं तो भी अफोर्डेबिलिटी इशू के चलते डिमांड में अचानक उछाल नहीं आएगा। इससे थर्मल प्लांट्स के कपैसिटी यूटिलाइजेशन में और गिरावट आएगी और दिन में कई बार सरप्लस की स्थिति बनेगी। इस दौरान स्टोरेज टेक्नोलॉजी अपनाए जाने से हालात से पूरी तरह नहीं, कुछ हद तक ही निपटा जा सकेगा।'

ब्रूकिंग्स की स्टडी के मुताबिक रिन्यूएबल एनर्जी को फाइनैंशल और नॉन फाइनैंशल माध्यमों से सपोर्ट मिलेगा। 2022 तक 8 पर्सेंट सोलर एनर्जी जेनरेशन के लिए कैबिनेट ने हाल ही में नैशनल टैरिफ पॉलिसी में संशोधन को मंजूरी दी थी। इसमें विंड और सोलर एनर्जी के फ्री इंटरस्टेट ट्रांसमिशन की भी बात कही गई है।

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