ऐपशहर

किसानों ने बढ़ाया देश का मान.. इकॉनमी को दी पॉजिटिव एनर्जी

GDP Data India: लॉकडाउन में जब आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी थीं और हर सेक्टर गिरावट की मार झेल रहा था, तब अकेला कृषि सेक्टर ही था जो ग्रोथ दर्ज कर रहा था। देश में खपत बढ़ाने में ग्रामीण अर्थव्यवस्था हमेशा से बड़ा योगदान देती आई है और महामारी काल में यह एक बार फिर साबित हो गया।

नवभारतटाइम्स.कॉम 27 Feb 2021, 10:31 am
GDP Data India: देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) टेक्निकल रिसेशन के दौर से बाहर आ गई है और फिर से ग्रोथ ट्रैक पर आगे बढ़ रही है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे पहले कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच लगातार दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की गई थी। इकॉनमी के ग्रोथ ट्रैक पर वापस लौटने में कृषि क्षेत्र का अहम योगदान है। ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन में जब आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी थीं और हर सेक्टर गिरावट की मार झेल रहा था, तब अकेला कृषि सेक्टर ही था जो ग्रोथ दर्ज कर रहा था। देश में खपत बढ़ाने में ग्रामीण अर्थव्यवस्था हमेशा से बड़ा योगदान देती आई है और महामारी काल में यह एक बार फिर साबित हो गया।
नवभारतटाइम्स.कॉम q3fy21 gdp agriculture sector growth in october december 2020 quarter
किसानों ने बढ़ाया देश का मान.. इकॉनमी को दी पॉजिटिव एनर्जी



​तीन तिमाहियों में कितनी रही कृषि क्षेत्र की ग्रोथ

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर 2020 तिमाही में कृषि क्षेत्र में 3.9 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई। इससे पहले की अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर दोनों तिमाहियों में कृषि क्षेत्र की ग्रोथ रेट 3.4 फीसदी रही थी। कोविड19 का कृषि सेक्टर पर असर अन्य सेक्टर्स के मुकाबले कम रहा लेकिन कृषि गतिविधियां निश्चित तौर पर प्रभावित हुई हैं। हालांकि अब चूंकि अन्य सेक्टर्स भी ग्रोथ ट्रैक पर वापस लौट रहे हैं तो कृषि सेक्टर के चौथी तिमाही और अगले वित्त वर्ष में और अच्छी ग्रोथ दर्ज करने का अनुमान है।

​रिकॉर्ड पैदावार से मिलेगा और बूस्ट

कृषि मंत्रालय का कहना है कि भारत का खाद्यान्न उत्पादन फसल वर्ष 2020-21 में दो प्रतिशत बढ़कर 30 करोड़ 33.4 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। फसल वर्ष जुलाई-जून तक चलता है। पिछले साल मानसून की बारिश अच्छी होने से चावल, गेहूं, दालों और मोटे अनाजों का उत्पादन बेहतर होने का अनुमान है। सरकारी अनुमानों के अनुसार वर्ष के दौरान चावल का उत्पादन पिछले वर्ष के 11 करोड़ 88.7 लाख टन के मुकाबले रिकॉर्ड 12 करोड़ 3.2 लाख टन और गेहूं का उत्पादन पिछले साल के 10 करोड़ 78.6 लाख टन के मुकाबले वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ 92.4 लाख टन होने का अनुमान है।

​कितना रह सकता है दालों का उत्पादन

मोटे अनाज के उत्पादन के पहले के चार करोड़ 77.5 लाख टन से बढ़कर चार करोड़ 93.6 टन होने की संभावना है। दलहन उत्पादन फसल वर्ष 2019-20 के दो करोड़ 30.3 लाख टन से बढ़कर दो करोड़ 44.2 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है। गैर-खाद्यान्न श्रेणी में, तिलहनों का उत्पादन पहले के तीन करोड़ 32.2 लाख टन के मुकाबले फसल वर्ष 2020-21 में तीन करोड़ 73.1 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है। गन्ने का उत्पादन एक साल पहले के 37 करोड़ पांच लाख टन से बढ़कर 39 करोड़ 76.6 लाख टन होने का अनुमान है।

अगला लेख

Businessकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग