नई दिल्ली
प्रवासी मजदूरों के लिए आज मुफ्त राशन की घोषणा की गई। कल यानी 15 मई से इसकी शुरुआत हो जाएगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि उन्होंने फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के चेयरमैन को निर्देश दिया है कि वे शुक्रवार से प्रवासी मजदूरों के लिए राज्यों को अनाज की सप्लाई शुरू कर दे। राशन कार्ड नहीं होने पर भी प्रवासी मजदूरों को राशन मिलेगा। इसके लिए उन्हें मना नहीं किया जा सकता है। 2 महीने तक मुफ्त में राशन
प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के दूसरी किस्त की घोषणा करते हुए अगल दो महीने तक मुफ्त में अनाज देने का ऐलान किया। इसके तहत 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने तक प्रति व्यक्ति मुफ्त पांच किलो अनाज और प्रति परिवार एक किलो चना दाल दी जाएगी। इसके लिए 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
आज वित्त मंत्री ने वन नेशन वन राशन कार्ड का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मार्च 2021 तक यह योजना सभी राज्यों में लागू होगी। इस योजना के तहत देश में रहने वाली किसी भी नागरिक का एक ही राशन कार्ड होगा और वह कहीं से भी राशन ले सकेगा। वे किसी भी सरकारी राशन दुकान से कम कीमत पर अनाज खरीद सकेंगे।
8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को मिलेगा लाभ
राम विलास पासवान ने ट्वीट कर कहा कि 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त अनाज वितरण पर आनेवाले 3500 करोड़ रुपए का पूरा खर्च केन्द्र सरकार वहन करेगी। सरकार की पूरी कोशिश है कि एक-एक गरीब और जरूरतमंद तक समय पर अनाज पहुंचे। इसके कार्यान्वयन, प्रवासियों की पहचान और पूर्ण वितरण की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी। सभी राज्य सरकारों से अनुरोध है कि वे अपने राज्य में इसे युद्धस्तर पर पूरा करने का प्रयास करें।
प्रवासी मजदूरों को शहरों में मिलेगा किराए पर सस्ता घर
कोई भूखा नहीं रहेगा
पासवान ने कहा कि मोदी सरकार की कोशिश रही है कि कोरोना संक्रमण के कठिन समय में एक भी व्यक्ति भूखा न रहे और प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में सरकार की घोषणा से विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी जो NFSA या उस राज्य की किसी अन्य योजना के लाभार्थी नहीं हैं उन्हें लाभ मिलेगा। संकट की इस घड़ी में देश के अन्नदाता एवं श्रमिक वर्ग को मदद पहुंचाने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार उपाय किए जा रहे हैं।
प्रवासी मजदूरों के लिए आज मुफ्त राशन की घोषणा की गई। कल यानी 15 मई से इसकी शुरुआत हो जाएगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि उन्होंने फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के चेयरमैन को निर्देश दिया है कि वे शुक्रवार से प्रवासी मजदूरों के लिए राज्यों को अनाज की सप्लाई शुरू कर दे। राशन कार्ड नहीं होने पर भी प्रवासी मजदूरों को राशन मिलेगा। इसके लिए उन्हें मना नहीं किया जा सकता है।
प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के दूसरी किस्त की घोषणा करते हुए अगल दो महीने तक मुफ्त में अनाज देने का ऐलान किया। इसके तहत 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने तक प्रति व्यक्ति मुफ्त पांच किलो अनाज और प्रति परिवार एक किलो चना दाल दी जाएगी। इसके लिए 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
आज वित्त मंत्री ने वन नेशन वन राशन कार्ड का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मार्च 2021 तक यह योजना सभी राज्यों में लागू होगी। इस योजना के तहत देश में रहने वाली किसी भी नागरिक का एक ही राशन कार्ड होगा और वह कहीं से भी राशन ले सकेगा। वे किसी भी सरकारी राशन दुकान से कम कीमत पर अनाज खरीद सकेंगे।
8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को मिलेगा लाभ
राम विलास पासवान ने ट्वीट कर कहा कि 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त अनाज वितरण पर आनेवाले 3500 करोड़ रुपए का पूरा खर्च केन्द्र सरकार वहन करेगी। सरकार की पूरी कोशिश है कि एक-एक गरीब और जरूरतमंद तक समय पर अनाज पहुंचे। इसके कार्यान्वयन, प्रवासियों की पहचान और पूर्ण वितरण की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी। सभी राज्य सरकारों से अनुरोध है कि वे अपने राज्य में इसे युद्धस्तर पर पूरा करने का प्रयास करें।
प्रवासी मजदूरों को शहरों में मिलेगा किराए पर सस्ता घर
कोई भूखा नहीं रहेगा
पासवान ने कहा कि मोदी सरकार की कोशिश रही है कि कोरोना संक्रमण के कठिन समय में एक भी व्यक्ति भूखा न रहे और प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में सरकार की घोषणा से विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी जो NFSA या उस राज्य की किसी अन्य योजना के लाभार्थी नहीं हैं उन्हें लाभ मिलेगा। संकट की इस घड़ी में देश के अन्नदाता एवं श्रमिक वर्ग को मदद पहुंचाने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार उपाय किए जा रहे हैं।