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रिजर्व बैंक ने कहा कि इन नोटांे के आंकड़ांे को अंतिम रूप देने का काम चल

रहा है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 20 Jan 2017, 9:00 pm
रहा है। रिजर्व बैंक ने समिति को सूचित किया कि उसके निदेशक मंडल ने 500 और 1,000 के नोटांे को बंद करने की सिफारिश की है। बोर्ड की बैठक 8 नवंबर को शाम साढ़े पांच बजे हुई थी। प्रधानमंत्री नरंेद्र मोदी ने उसी दिन रात आठ बजे राष्ट्र के नाम संबोधन मंे नोटबंदी का ऐलान किया था। रिजर्व बैंक ने पीएसी के सदस्यांे को यह भी सूचित किया कि नोटबंदी के मसले पर सरकार और रिजर्व बैंक के बीच पिछले कुछ महीनांे से विचार विमर्श चल रहा था। इसके बाद रिजर्व बैंक के कंेद्रीय बोर्ड के समक्ष इस प्रस्ताव को विचारार्थ पेश किया गया। बोर्ड ने इस प्रस्ताव की सिफारिश सरकार से की। रिजर्व बैंक बोर्ड की इस बैठक मंे गवर्नर पटेल के अलावा दो डिप्टी गवर्नर आर गांधी और एस एस मुंदड़ा और पांच निदेशक नचिकेत मोर, भारत एन दोषी, सुधीर मांकड़, शक्तिकान्त दास तथा अंजुली छिब दुग्गल मौजूद थे। पीएसी के समक्ष अपनी बात रखते हुये रिजर्व बैंक ने सरकार को इस बारे में संकेत दिया था कि बड़े नोटों को चलन से हटाने पर जनता को असुविधा हो सकती है। बहरहाल, यह समझा गया कि नोटबंदी से नकली नोटों की समस्या से निपटने और भुगतान के डिजिटल तरीकों को बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह कहा गया कि सरकार ने रिजर्व बैंक कानून की धारा 26..2 के तहत 8 नवंबर 2016 की मध्यरात्रि से रिजर्व बैंक बोर्ड की सिफारिश पर 500 और 1,000 रपये के नोटों को चलन से हटा दिया।

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