बदलाव से बचना चाहेगा रिजर्व बैंक
इधर एसबीआई की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक एमपीसी की बैठक में मौजूदा हालात को देखते हुए ब्याज दरों में किसी प्रकार के बदलाव को लेकर आरबीआई अभी बचना चाहेगा। प्रॉपर्टी कंसलटेंट कंपनी एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है कि जो स्थिति इस वक्त है, उसमें एक बात की उम्मीद है कि घर खरीदारों को सस्ती दरों पर होम लोन मिलना कुछ और समय तक जारी रहेगा। यानी इस वक्त ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। इस वक्त निश्चित रूप से इकनॉमी को आगे बढ़ाने और मार्केट में लिक्विडिटी का संतुलित रुख बनाने की जरूरत है।
आरबीआई यह दोनों काम करेगा। इस वक्त इकनॉमी को लेकर अनिश्चितता की स्थिति है। कोई नहीं जानता है कि कोरोना के नए वेरिएंट का असर भारत की इकनॉमी पर कितना पड़ेगा। हालांकि, ग्लोबल इकनॉमी पर इसके असर को लेकर कई बातें कही जा रही हैं। ऐसे में यह तय है कि अगर इससे ग्लोबल इकनॉमी प्रभावित होगी तो कुछ असर तो भारत पर पड़ेगा। ऐसे में आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर बड़ी सतर्कता से आगे बढ़ेगा।
आखिरी बार 20 मई 2020 को हुआ था ब्याज दरों में बदलाव
एसबीआई समूह की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष के अनुसार इकनॉमी की स्थिति में अभी सुधार हो रहा है। रिवर्स रेपो रेट को यथावत रखने से मौजूदा आर्थिक सुधार को और मजबूत करने के लिए अधिक समय मिलेगा। इस वक्त कुछ भी करना रिस्की हो सकता है। अगर रिजर्व बैंक बुधवार को नीतिगत ब्याज दरें अपरिवर्तित रखता है तो यह लगातार नौवां मौका होगा, जब दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। आरबीआई ने आखिरी बार ब्याज दरों में 22 मई 2020 को बदलाव किया था।
रिजर्व बैंक ने बढ़ाई दरें तो आप पर क्या होगा असर?
अगर भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव करता है तो इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। इससे लोन लेने वालों पर असर होगा। अगर रिजर्व बैंक ब्याज दरें बढ़ाता है तो लोन महंगे हो जाएंगे और होम लोन की ईएमआई भी बढ़ जाएगी। वहीं इसके उलट अगर रिजर्व बैंक ने ब्याज दरें घटाईं तो देखते ही देखते लोन सस्ता हो जाएगा और होम लोन की ईएमआई में गिरावट देखने को मिलेगी।