ऐपशहर

महंगाई दर से निपटने के लिए रुकेगा ब्याज दरों में कटौती का दौर!

प्याज और टमाटर समेत कई सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 7.35 पर्सेंट दर्ज की गई। यह RBI के अनुमान से कहीं ज्यादा है। हालांकि कोर महंगाई दर अभी 3.7 पर्सेंट है, जो पिछले साल के मुकाबले थोड़ी ज्यादा है।

नवभारत टाइम्स 14 Jan 2020, 8:36 am
विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम inflation

कर्ज पर ब्याज दरों में कटौती का दौर थम सकता है। दरअसल, रिजर्व बैंक खुदरा महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में कटौती न करने समेत कुछ कड़े कदम उठा सकता है। इसका कारण है कि दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर 5 साल के रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई है।

प्याज और टमाटर समेत कई सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 7.35 पर्सेंट दर्ज की गई। यह RBI के अनुमान से कहीं ज्यादा है। हालांकि कोर महंगाई दर अभी 3.7 पर्सेंट है, जो पिछले साल के मुकाबले थोड़ी ज्यादा है।

एक्सपर्ट्स और इकनॉमिस्ट्स का मानना है कि खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों में तेजी का सीधा असर 6 फरवरी को रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की समीक्षा में दिखाई दे सकता है। आम बजट भी इससे अछूता नहीं रहेगा। दिसंबर में भी मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने महंगाई के बढ़ने की आशंका के चलते रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया था।

इकरा की प्रिंसिपल इकनॉमिस्ट अदिति नायर का मानना है कि दिसंबर की खुदरा महंगाई के आंकड़े अनुमान से काफी ज्यादा है। आशंका थी कि खुदरा महंगाई दर 6 पर्सेंट से थोड़ा ऊपर रहेगी, लेकिन इसने 7 पर्सेंट का लेवल पार कर लिया। इसका मतलब है कि इसका जल्द नीचे आना मुश्किल है। ऐसे में 6 फरवरी को MPC के लिए कोई भी फैसला काफी मुश्किल होगा।

RBI को ग्रोथ रेट और ब्याज दरों के बीच बैलेंस बनाना काफी चुनौतीपूर्ण काम है। जुलाई-2014 में खुदरा महंगाई दर में 7.39 पर्सेंट की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। पिछले महीने यानी नवंबर में खुदरा महंगाई की दर 5.54 पर्सेंट थी, जबकि दिसंबर-2018 में यह दर 2.11 पर्सेंट थी।

अगला लेख

Businessकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग