नई दिल्ली
रिटेल और ब्रॉडबैंड जैसे कारोबार में कदम रखने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अगले 24 महीनों में 200 अरब डॉलर मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली पहली कंपनी बन सकती है। अमेरिकी बैंक मेरिल लिंच ने बुधवार को यह बात कही है।
ब्रोकरेज ने रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा 122 अरब डॉलर के मार्केट कैप से 200 अरब डॉलर तक पहुंचने के लिए असंगठित किराना स्टोर्स में मोबाइल पॉइंट ऑफ सेल (M-PoS) लगाकर रिटेल कारोबार पर पकड़, माइक्रोसॉफ्ट के साथ एसएमई सेक्टर में एंट्री और जियो फाइबर ब्रॉडबैंड कारोबार की अहम भूमिका होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुकेश अंबानी की कंपनी को टेलिकॉम कारोबार में प्रति मोबाइल फोन यूजर से मिलने वाला रेवेन्यू वित्त वर्ष 2022 तक मौजूदा 151 रुपये से बढ़कर 177 रुपये हो जाएगा। 1 करोड़ किराना स्टोर्स कंपनी को M-PoS इस्टॉल करने के लिए प्रतिमाह 750 रुपये का भुगतान करेंगे। 2 साल में ब्रॉडबैंक यूजर्स की संख्या 1.20 करोड़ हो सकती है, इनमें से 60 फीसदी प्रतिमाह औसतन 840 रुपये देंगे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी पेट्रोकेमिकल और दूसरी सबसे बड़ी ऑइल रिफाइनिंग कंपनी है। इसने टेलिकॉम, कंज्यूमर रिटेल और मीडिया कारोबार में भी बड़ा निवेश किया है। इसकी टेलिकॉम सब्सिडियरी, जियो ने बड़ी संख्या में ग्राहक जुटाए हैं जो अब कंपनी को अच्छा राजस्व दे रहे हैं।
रिटेल और ब्रॉडबैंड जैसे कारोबार में कदम रखने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अगले 24 महीनों में 200 अरब डॉलर मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली पहली कंपनी बन सकती है। अमेरिकी बैंक मेरिल लिंच ने बुधवार को यह बात कही है।
ब्रोकरेज ने रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा 122 अरब डॉलर के मार्केट कैप से 200 अरब डॉलर तक पहुंचने के लिए असंगठित किराना स्टोर्स में मोबाइल पॉइंट ऑफ सेल (M-PoS) लगाकर रिटेल कारोबार पर पकड़, माइक्रोसॉफ्ट के साथ एसएमई सेक्टर में एंट्री और जियो फाइबर ब्रॉडबैंड कारोबार की अहम भूमिका होगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी पेट्रोकेमिकल और दूसरी सबसे बड़ी ऑइल रिफाइनिंग कंपनी है। इसने टेलिकॉम, कंज्यूमर रिटेल और मीडिया कारोबार में भी बड़ा निवेश किया है। इसकी टेलिकॉम सब्सिडियरी, जियो ने बड़ी संख्या में ग्राहक जुटाए हैं जो अब कंपनी को अच्छा राजस्व दे रहे हैं।