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जीएसटी में मंदिरों से भेदभाव की खबरों को वित्त मंत्रालय ने किया खारिज

जीएसटी के तहत मंदिर और मस्जिद में भेदभाव किए जाने की अफवाहों का वित्त मंत्रालय ने खंडन किया है। मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि इस तरह के मेसेज पूरी तरह से गलत हैं। धर्म के आधार पर जीएसटी के नियमों में कोई भेदभाव नहीं किया गया है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 4 Jul 2017, 6:53 pm
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम rumours about gst finance ministry clarifies on gst on temple trusts
जीएसटी में मंदिरों से भेदभाव की खबरों को वित्त मंत्रालय ने किया खारिज

जीएसटी के तहत धार्मिक स्थलों में भेदभाव किए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे मेसेज का वित्त मंत्रालय ने खंडन किया है। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा है कि सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे मेसेज चल रहे हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि मंदिर ट्रस्टों को जीएसटी देना होगा। वहीं, चर्च और मस्जिदों को इससे छूट दी गई है। मंत्रालय ने एक के बाद एक किए गए ट्वीट्स में कहा, 'इस तरह के मेसेज पूरी तरह से गलत हैं। धर्म के आधार पर जीएसटी के नियमों में कोई भेदभाव नहीं किया गया है।'
There are some messages going around in social media stating that temple trusts have to pay the GST while the churches & mosques are exempt. — Ministry of Finance (@FinMinIndia) July 3, 2017 मंत्रालय ने कहा कि हम लोगों से आग्रह करते हैं कि सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर इस तरह के झूठे संदेश न फैलाएं। इसके अलावा एमआरपी समेत कई मामलों पर भ्रम दूर करने के लिए राजस्व सचिव हसमुख अढ़िया और उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने सरकार का पक्ष रखा।
This is completely untrue because no distinction is made in the GST Law on any provision based on religion. — Ministry of Finance (@FinMinIndia) July 3, 2017 उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने कहा, 'जीएसटी लागू होने के बाद रिटेल प्राइस में संशोधन हो सकता है। यदि एमआरपी से अधिक दाम होंगे तो मैन्युफैक्चरर्स को दो अखबारों में सूचना देनी होगी और पैकेट पर रिवाइज एमआरपी लिखनी होगी। दाम कम होने पर विज्ञापन देने की जरूरत नहीं है, लेकिन रिवाइज एमआरपी अलग से लिखनी होगी। किसी भी चीज की एमआरपी में सभी टैक्स शामिल होंगे। इसके लिए अलग से किसी तरह के टैक्स की वसूली नहीं की जा सकती।'

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