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12 डिफॉल्टर्स के खिलाफ दिवालिया कानून के तहत आज से एक्शन लेगा SBI

वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज सहित करीब दर्जन भर डिफॉल्टर कंपनियों पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) दिवालिया कानून के तहत कार्यवाही ...

इकनॉमिक टाइम्स 2 Jan 2018, 8:44 am
संगीता मेहता,मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम sbi
प्रतीकात्मक तस्वीर

वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज सहित करीब दर्जन भर डिफॉल्टर कंपनियों पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) दिवालिया कानून के तहत कार्यवाही करने जा रहा है। रिजर्व बैंक ने इन कंपनियों की लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए दिसंबर की डेडलाइन तय की थी, लेकिन इस समयसीमा में ऐसा नहीं हो सका। ऐसे में एसबीआई इन कंपनियों को नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) में ले जाने की तैयारी कर रहा है। वह वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज, वीजा स्टील, मोनेट पावर, उत्तम स्टील, एस्सार प्रोजेक्ट्स, वीडियोकॉन टेलीकॉम, जायसवाल नेको और जय बालाजी को मंगलवार से एनसीएसटी को रेफर करने की शुरुआत करेगा। क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टियों के बाद ट्राइब्यूनल मंगलवार से खुलेगा।

रिजर्व बैंक ने अगस्त में 28 डिफॉल्टिंग कंपनी की दूसरी लिस्ट जारी की थी। उसने बैंकों से इन कंपनियों के मामलों को 13 दिसंबर तक निपटाने को कहा था। आरबीआई ने कहा था कि अगर 13 दिसंबर तक कोई हल नहीं निकलता है तो बैंक 31 दिसंबर तक इन्हें एनसीएलटी में ले जाएं। इससे पहले आरबीआई ने जून में 12 बड़ी डिफॉल्टिंग कंपनियों के खिलाफ दिवालिया कानून के तहत सीधे कार्यवाही का आदेश दिया था। इस लिस्ट में एस्सार स्टील, भूषण स्टील, एबीजी शिपयार्ड और लैंको जैसी कंपनियों के नाम शामिल थे।

आरबीआई की दूसरी लिस्ट में जिन कंपनियों के नाम हैं, उनसे बैंकों को 2 लाख करोड़ रुपये वसूलने हैं। कंपनियों को एनसीएलटी में रेफर करने का मतलब है कि इनके लिए बैंकों को प्रोविजनिंग बढ़ानी पड़ेगी, जिसका उनके मुनाफे पर बुरा असर पड़ेगा। आरबीआई ने एनसीएलटी में भेजे जाने वाले मामलों के लिए बैंकों को 50 पर्सेंट प्रोविजनिंग करने का निर्देश दिया है। वहीं, अगर इन कंपनियों का लिक्विडेशन होता है तो उसके लिए बैंकों को 100 पर्सेंट प्रोविजनिंग करनी पड़ेगी। आरबीआई ने बैंकों को प्रोविजनिंग के लिए मार्च 2018 तक का समय दिया है। दूसरी लिस्ट में जेपी एसोसिएट्स, सोमा एंटरप्राइजेज और एनार्क एल्युमीनियम जैसी कुछ कंपनियों को छोड़कर अन्य सभी कंपनियों को बैंकरप्सी कोर्ट भेजा जाएगा। इन तीनों कंपनियों की लोन रिस्ट्रक्चरिंग पूरी हो चुकी है। इनमें सबसे अधिक लोन वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज पर है। वह 47,000 करोड़ रुपये के लोन पर डिफॉल्ट कर चुकी है।

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