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गुजरात की पावर कंपनियों के PPA में बदलाव चाहता है SBI

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर डिस्कॉम्स और गुजरात में मौजूद तीन पावर जेनरेशन कंपनियों के बीच पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) में बदलाव करने की मांग की है।

इकनॉमिक टाइम्स 25 Oct 2018, 8:06 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम sbi wants change in power companies of gujarat power companies
गुजरात की पावर कंपनियों के PPA में बदलाव चाहता है SBI

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर डिस्कॉम्स और गुजरात में मौजूद तीन पावर जेनरेशन कंपनियों के बीच पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) में बदलाव करने की मांग की है। एक उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी ने PPA में बदलाव की सिफारिश की थी। ये पावर कंपनियां इंडोनेशिया से इम्पोर्ट किए जाने वाले कोल की कॉस्ट बढ़ने की भरपाई करने के लिए टैरिफ नहीं बढ़ा सकती इस वजह से ये नुकसान में चल रही हैं। SBI बैंकों के उस कंसोर्शियम का हिस्सा है जिसने तीन पावर कंपनियों- टाटा मुंद्रा, अडानी और एस्सार को फंड दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों को इंडोनेशिया से इम्पोर्ट किए जाने वाले कोल की कॉस्ट बढ़ने के बदले टैरिफ बढ़ाने की अनुमति नहीं दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने 11 अप्रैल, 2017 के अपने ऑर्डर में सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (CERC) और अपीलेट ट्राइब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी के पावर कंपनियों को टैरिफ बढ़ाने की अनुमति देने के फैसलों को खारिज कर दिया था। इसके बाद कंपनियों सहित सभी स्टेकहोल्डर्स ने फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली के साथ मीटिंग की थी। SBI ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार ने उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी बनाने की सिफारिश की थी। याचिका के अनुसार, कमेटी ने पावर कंपनियों के कई राज्यों में डिस्कॉम्स के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट्स में इम्पोर्टेड कोल की कॉस्ट के आधार पर बदलाव करने की सिफारिश की थी।

कमेटी की सिफारिश के बाद गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (GUVNL) और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल कर PPA में बदलाव करने की अनुमति मांगी थी। SBI ने कहा है कि इन तीनों कंपनियों की नेटवर्थ लगभग समाप्त हो गई है और बैंकों की ओर से इन कंपनियों को दिए गए लोन को लेकर बड़ा जोखिम है।

SBI ने बताया है कि एस्सार पावर गुजरात पहले ही एक नॉन-परफॉर्मिंग एसेट है। बाकी की दो कंपनियों ने पत्र भेजकर कहा है कि उन्हें अपना कामकाज बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा क्योंकि वे घाटे में अपने प्लांट्स नहीं चला सकती। बैंकों के कंसोर्शियम ने 31 मार्च, 2017 तक अडानी पावर को 19,127 करोड़ रुपये, एस्सार पावर को 4,214 करोड़ रुपये और टाटा मुंद्रा को 10,159 करोड़ रुपये का लोन दिया था।

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