नई दिल्ली
एसबीआई ने कोरोना की तीसरी लहर से आगाह किया है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर भी दूसरी लहर जैसी खतरनाक हो सकती है। तीसरी लहर के 98 दिन तक बने रहने के आसार हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी लहर में मौतों की संख्या कम रह सकती है। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर में मौतों की संख्या 40,000 रह सकती है। इसके मुकाबले कोरोना की दूसरी लहर में मौतों की संख्या 1.7 लाख है। हालांकि, तीसरी लहर में मौतों की संख्या कम तभी रहेगी, जब गंभीर मामले 5 फीसदी से ज्यादा नहीं होंगे।
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कोरोना की दूसरी लहर में गंभीर मामले 20 फीसदी तक थे। कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ रही है। दूसरी लहर में एक दिन में नए मामलों की संख्या 4.14 लाख तक पहुंच गई थी। यह कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद से एक दिन में सबसे ज्यादा मामले हैं।
एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की ग्रोथ 7.9 फीसदी रहने का अनुमान है। इससे पहले देश के सबसे बड़े बैंक के अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की ग्रोथ 10.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। उन्होंने कहा, "कोरोना की दूसरी लहर के चलते आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाना पड़ा है।"
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अर्थशास्त्रियों ने यह भी कहा है कि अगर जुलाई में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ती है और रोजाना एक करोड़ लोगों को टीका लगाया जाता है तो आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को फिर से पहले के स्तर पर लाया जा सकता है। दूसरी एजेंसियों ने भी कोरोन की दूसरी लहर के असर को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर का अपने अनुमान घटा दिए हैं।
एसबीआई ने कोरोना की तीसरी लहर से आगाह किया है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर भी दूसरी लहर जैसी खतरनाक हो सकती है। तीसरी लहर के 98 दिन तक बने रहने के आसार हैं।
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कोरोना की दूसरी लहर में गंभीर मामले 20 फीसदी तक थे। कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ रही है। दूसरी लहर में एक दिन में नए मामलों की संख्या 4.14 लाख तक पहुंच गई थी। यह कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद से एक दिन में सबसे ज्यादा मामले हैं।
एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की ग्रोथ 7.9 फीसदी रहने का अनुमान है। इससे पहले देश के सबसे बड़े बैंक के अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की ग्रोथ 10.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। उन्होंने कहा, "कोरोना की दूसरी लहर के चलते आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाना पड़ा है।"
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