हैदराबाद, 18 दिसंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एनपीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि बैंक के फंसे कर्जों (एनपीए) के समाधान के लिये कदम उठाए जा रहे कदमों से भविष्य में इसमें कमी आने की संभावना है। उसने यह भी बताया कि एबीआई में नए एनपीए बनने की दर में कमी हुई है। एसबीआई के प्रबंध निदेशक (खुदरा और डिजिटल बैंकिंग) प्रवीण कुमार गुप्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां तक एनपीए का सवाल है, कर्ज के जो बड़े खाते फंसे हुए थे उन्हें एनपीए में पहले ही डाला जा चुका है। बैंक उनके समाधान के लिये कदम उठा रहा है। इसी लिए बहुत से बड़े मामले पहले ही एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि नयायाधिकरणों) के पास भेजे जा चुके हैं।’’ उन्होंने कहा कि कुछ मामलों का समाधान हो चुका है। कुछ मामलों में समाधान की प्रक्रिया काफे आगे पहुंच चुकी है। गुप्ता ने उम्मीद जतायी कि अगले एक-दो महीने में इन मामलों के समाधान होने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘नए एनपीए की वृद्धि घटी है। इसीलिए हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में एनपीए के आंकड़ों में कमी आनी चाहिए...।’’ एसबीआई हैदराबाद की स्थापना के 150 साल पूरा होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में गुप्ता ने यह बात कही। उनसे एनपीए से निपटने के लिये उठाये जाने वाले कदम की योजना के बारे में पूछा गया था। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में एनपीए में कुछ वृद्धि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में देखी गयी है। पुराने डेबिट कार्ड की जगह अधिक सुरक्षित कार्ड जारी किये जाने के बारे में पूछे जाने पर गुप्ता ने कहा कि ज्यादातर कार्ड बदले जा चुके हैं। पुराने डेबिट कार्ड को अधिक सुरक्षित डेबिट कार्ड से बदलने की समय-सीमा 31 दिसंबर है। उन्होंने कहा कि बैंक ने इस कार्य में लगने वाले समय को देखते हुए रिजर्व बैंक से थोड़ा और समय मांगा है।
नए एनपीए की बाढ़ कम हो रही है: एसबीआई
हैदराबाद, 18 दिसंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एनपीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि बैंक के फंसे कर्जों (एनपीए) के समाधान के लिये कदम उठाए जा रहे कदमों से भविष्य में इसमें कमी आने की संभावना है। उसने यह भी बताया कि एबीआई में नए एनपीए बनने की दर में कमी हुई है। एसबीआई के प्रबंध निदेशक (खुदरा और डिजिटल बैंकिंग) प्रवीण कुमार गुप्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां तक एनपीए का सवाल है, कर्ज के जो बड़े खाते फंसे हुए थे उन्हें एनपीए में पहले ही डाला जा चुका है। बैंक उनके समाधान
भाषा 18 Dec 2018, 3:56 pm