मिहिर मिश्रा, नई दिल्ली
जेट एयरवेज के स्टाफ को वेतन मिलने में देरी से इसकी फ्लाइट्स की सुरक्षा पर आंच आती दिख रही है। यह बात डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इस कंपनी के एक ऑडिट में कही। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि नरेश गोयल की जेट एयरवेज को इस ऑडिट के नतीजे बता दिए गए हैं। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, 'सैलरी न दिया जाना चिंता की बात है। डीजीसीए के ऑडिट में इसे टाइप 2 श्रेणी की चिंता बताया गया है।' सूत्रों ने बताया कि एयरलाइन ने इस पर अभी अपना जवाब नहीं भेजा है।
ऐसी दिक्कतों को टाइप 2 में रखा जाता है, जिनसे एयरलाइन की सेफ्टी सीधे प्रभावित न हो, लेकिन जिनके कारण आंच आने का खतरा हो। सितंबर में जेट का एक पायलट वह स्विच ही एक्टिवेट करना भूल गया था, जिससे एयरक्राफ्ट में प्रेशर मेंटेन रहता है। इस स्टोरी से जुड़े सवालों का जवाब जेट एयरवेज ने नहीं दिया।
जेट में निवेश के लिए एतिहाद की शर्त, गोयल छोड़ें कंट्रोल
यह एयरलाइन लागत का इंतजाम करने में जूझ रही है। यह पिछले दो महीनों से ज्यादा समय से अपने पायलटों, सीनियर इंजीनियरों और विमान चालक दल सहित सीनियर मैनेजमेंट (जनरल मैनेजर और ऊपर के अधिकारी) को सैलरी नहीं दे पा रही है।
जेट के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने कहा, 'हमें अक्टूबर के बाद से वेतन नहीं मिला है। एयरलाइन ने उस महीने भी आधा वेतन ही दिया था।' वहीं एयरलाइन ने कहा है कि उसने अक्टूबर का वेतन दे दिया है। उसने पायलटों से वादा किया था कि बकाया रकम अप्रैल तक दे दी जाएगी। एयरलाइन ने सीनियर मैनेजमेंट की सैलरी 25 प्रतिशत तक घटाने की बात भी की थी, लेकिन विरोध होने पर उसे कदम खींचने पड़े थे।
मार्केट शेयर के लिहाज से देश की यह दूसरी बड़ी एयरलाइन अपने 25 साल के इतिहास में सबसे बड़े वित्तीय संकट का सामना कर रही है। इसके घाटे और कर्ज में बढ़ोतरी हो रही है। इसने कई विमान उड़ान से हटा लिए हैं, कर्मचारियों की छंटनी की है और कई रूट्स पर फ्लाइट्स बंद कर दी हैं।
एयरलाइन दिसंबर में कर्ज की किस्त नहीं चुका पाई थी। वह उन कंपनियों को भी समय पर पैसा नहीं दे सकी थी, जिनसे उसने लीज पर विमान लिए थे। इसके चलते उनमें से कुछ कंपनियों ने विमान वापस लेने की चेतावनी दी थी।
रेटिंग एजेंसी इकरा के अनुसार, जेट पर 8 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज है और वित्त वर्ष 2021 तक इस पर कर्ज बढ़कर 6,312 करोड़ रुपये हो सकता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की अगुवाई वाले लेंडर्स ने कर्ज को जेट में इक्विटी में बदलने से इनकार कर दिया है। लेंडर्स हर हफ्ते मीटिंग कर रहे हैं और जेट के लिए राहत पैकेज तय करने की कोशिश कर रहे हैं।
जेट एयरवेज के स्टाफ को वेतन मिलने में देरी से इसकी फ्लाइट्स की सुरक्षा पर आंच आती दिख रही है। यह बात डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इस कंपनी के एक ऑडिट में कही। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि नरेश गोयल की जेट एयरवेज को इस ऑडिट के नतीजे बता दिए गए हैं।
ऐसी दिक्कतों को टाइप 2 में रखा जाता है, जिनसे एयरलाइन की सेफ्टी सीधे प्रभावित न हो, लेकिन जिनके कारण आंच आने का खतरा हो। सितंबर में जेट का एक पायलट वह स्विच ही एक्टिवेट करना भूल गया था, जिससे एयरक्राफ्ट में प्रेशर मेंटेन रहता है। इस स्टोरी से जुड़े सवालों का जवाब जेट एयरवेज ने नहीं दिया।
जेट में निवेश के लिए एतिहाद की शर्त, गोयल छोड़ें कंट्रोल
यह एयरलाइन लागत का इंतजाम करने में जूझ रही है। यह पिछले दो महीनों से ज्यादा समय से अपने पायलटों, सीनियर इंजीनियरों और विमान चालक दल सहित सीनियर मैनेजमेंट (जनरल मैनेजर और ऊपर के अधिकारी) को सैलरी नहीं दे पा रही है।
जेट के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने कहा, 'हमें अक्टूबर के बाद से वेतन नहीं मिला है। एयरलाइन ने उस महीने भी आधा वेतन ही दिया था।' वहीं एयरलाइन ने कहा है कि उसने अक्टूबर का वेतन दे दिया है। उसने पायलटों से वादा किया था कि बकाया रकम अप्रैल तक दे दी जाएगी। एयरलाइन ने सीनियर मैनेजमेंट की सैलरी 25 प्रतिशत तक घटाने की बात भी की थी, लेकिन विरोध होने पर उसे कदम खींचने पड़े थे।
मार्केट शेयर के लिहाज से देश की यह दूसरी बड़ी एयरलाइन अपने 25 साल के इतिहास में सबसे बड़े वित्तीय संकट का सामना कर रही है। इसके घाटे और कर्ज में बढ़ोतरी हो रही है। इसने कई विमान उड़ान से हटा लिए हैं, कर्मचारियों की छंटनी की है और कई रूट्स पर फ्लाइट्स बंद कर दी हैं।
एयरलाइन दिसंबर में कर्ज की किस्त नहीं चुका पाई थी। वह उन कंपनियों को भी समय पर पैसा नहीं दे सकी थी, जिनसे उसने लीज पर विमान लिए थे। इसके चलते उनमें से कुछ कंपनियों ने विमान वापस लेने की चेतावनी दी थी।
रेटिंग एजेंसी इकरा के अनुसार, जेट पर 8 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज है और वित्त वर्ष 2021 तक इस पर कर्ज बढ़कर 6,312 करोड़ रुपये हो सकता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की अगुवाई वाले लेंडर्स ने कर्ज को जेट में इक्विटी में बदलने से इनकार कर दिया है। लेंडर्स हर हफ्ते मीटिंग कर रहे हैं और जेट के लिए राहत पैकेज तय करने की कोशिश कर रहे हैं।