नई दिल्ली
देश में कोरोना के मामले (New Cases of Corona Virus) रोज नए रेकॉर्ड बना रहे हैं और महामारी के गंभीर मरीजों के इलाज में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए अस्पतालों को ऑक्सीजन की सप्लाई (Oxygen Supply) बढ़ा दी गई है। इससे उन इंडस्ट्री के कुछ सेक्टरों में उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इनमें ऑटो, स्टील और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (Auto, Steel and Consumer Durables) शामिल हैं। ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडस्ट्री में ऑक्सीजन वेल्डिंग और शीट मेटल कटिंग में इस्तेमाल की जाती है। इन सेक्टर्स का करीब 10 फीसदी उत्पादन ऑक्सीजन पर निर्भर है। होम अप्लायंसेज बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी से एसी मशीन और रेफ्रिजरेटर के प्रोडक्शन में दिक्कत आ सकती है। इनमें गैस को वेल्डिंग और ब्रेजिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
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पीक सीजन में ऑक्सीजन की कमी
देश की सबसे बड़ी अप्लायंसेज मेकर एलजी इंडिया के वाइस प्रेजिडेंट विजय बाबू ने कहा कि अभी कंपनी के प्लांट्स में ऑक्सीजन उपलब्ध है लेकिन गैस की आपूर्ति में बंदिशें जारी रहीं तो इससे प्रोडक्शन प्रभावित हो सकता है। कंपोनेंट सप्लायर कंपनी Carrier Midea का अपना ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट है लेकिन कंपनी के चेयरमैन कृष्णन सचदेव का कहना है कि उनके पास केवल दो दिन के लिए गैस है। उन्होंने कहा कि हम कंपोनेंट सप्लायर्स को अपने परिसरों में लाने की कोशिश कर रहे हैं, अन्यथा महाराष्ट्र के प्लांट में हमारी एक-तिहाई क्षमता भी बंद हो जाएगी।
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ऑक्सीजन की कमी ऐसे समय हुई है जब मांग बहुत ज्यादा है। अप्लायंसेज बनाने वाली कंपनियों के लिए चुनौती बहुत ज्यादा है। इसकी वजह यह है कि एसी और फ्रिज की बिक्री गर्मियों में ही होती है। एसी और फ्रिज बनाने वाली कंपनियां मई के मध्य तक पूरी क्षमता के साथ काम करती हैं। जहां तक बड़ी ऑटो कंपनियों का सवाल है तो उनके पास अपनी इनवेंट्री होती है और कुछ तो इस मामले में आत्मनिर्भर हैं। लेकिन ऑक्सीजन की कमी से छोटी ऑटो कंपनियां प्रभावित होंगी। इससे उनका प्रोडक्शन प्रभावित हो सकता है और गाड़ियों के लिए वेटिंग पीरियड भी बढ़ सकता है। इसी तरह स्टील बनाने वाली कंपनियां भी अपना बिजनस बचाने के लिए वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रही हैं।
देश में कोरोना के मामले (New Cases of Corona Virus) रोज नए रेकॉर्ड बना रहे हैं और महामारी के गंभीर मरीजों के इलाज में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए अस्पतालों को ऑक्सीजन की सप्लाई (Oxygen Supply) बढ़ा दी गई है। इससे उन इंडस्ट्री के कुछ सेक्टरों में उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इनमें ऑटो, स्टील और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (Auto, Steel and Consumer Durables) शामिल हैं।
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ऑक्सीजन की कमी ऐसे समय हुई है जब मांग बहुत ज्यादा है। अप्लायंसेज बनाने वाली कंपनियों के लिए चुनौती बहुत ज्यादा है। इसकी वजह यह है कि एसी और फ्रिज की बिक्री गर्मियों में ही होती है। एसी और फ्रिज बनाने वाली कंपनियां मई के मध्य तक पूरी क्षमता के साथ काम करती हैं। जहां तक बड़ी ऑटो कंपनियों का सवाल है तो उनके पास अपनी इनवेंट्री होती है और कुछ तो इस मामले में आत्मनिर्भर हैं। लेकिन ऑक्सीजन की कमी से छोटी ऑटो कंपनियां प्रभावित होंगी। इससे उनका प्रोडक्शन प्रभावित हो सकता है और गाड़ियों के लिए वेटिंग पीरियड भी बढ़ सकता है। इसी तरह स्टील बनाने वाली कंपनियां भी अपना बिजनस बचाने के लिए वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रही हैं।