नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पाइजेट से शेयर ट्रांसफर विवाद में 579 करोड़ रुपये चुकाने को कहा है। 2015 में एयरलाइन्स की ओनरशिप बदलने के बाद विवाद उठा था।
स्पाइसजेट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसमें कोर्ट ने कंपनी से 250 करोड़ रुपये 31 अगस्त से पहले जमा कराने को कहा था। कोर्ट ने एयरलाइन्स के 329 करोड़ रुपये बैंक गारंटी के तौर पर जमा कराने को कहा था। बाद में जज आर. एफ. नरीमन ने स्पाइसजेट की अपील खारिज कर दी थी।
इस वक्त स्पाइसजेट के कंट्रोलिंग शेयरहोल्डर अजय सिंह हैं। उनको मुख्य शेयरहोल्डर बनाने के बाद केएएल एयरवेज के गैर कार्यकारी अध्यक्ष कलानिधि मारन के लिए नॉन इश्यूएंस वॉरंट जारी किए गए थे जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था।
मारन और केएएल ने स्पाइसजेट का अपना पूरा 58.46 प्रतिशत हिस्सा को-फाउंडर अजय सिंह को दे दिया था। इससे एयरलाइन्स की ओनरशिप ही बदल गई था। इस समझौते के तहत केएएल एयरवेज और मारन को स्पाइसजेट पर खर्च किए गए उनके 690 करोड़ रुपये के वॉरंट दिए जाने थे।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पाइजेट से शेयर ट्रांसफर विवाद में 579 करोड़ रुपये चुकाने को कहा है। 2015 में एयरलाइन्स की ओनरशिप बदलने के बाद विवाद उठा था।
स्पाइसजेट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसमें कोर्ट ने कंपनी से 250 करोड़ रुपये 31 अगस्त से पहले जमा कराने को कहा था। कोर्ट ने एयरलाइन्स के 329 करोड़ रुपये बैंक गारंटी के तौर पर जमा कराने को कहा था। बाद में जज आर. एफ. नरीमन ने स्पाइसजेट की अपील खारिज कर दी थी।
इस वक्त स्पाइसजेट के कंट्रोलिंग शेयरहोल्डर अजय सिंह हैं। उनको मुख्य शेयरहोल्डर बनाने के बाद केएएल एयरवेज के गैर कार्यकारी अध्यक्ष कलानिधि मारन के लिए नॉन इश्यूएंस वॉरंट जारी किए गए थे जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था।
मारन और केएएल ने स्पाइसजेट का अपना पूरा 58.46 प्रतिशत हिस्सा को-फाउंडर अजय सिंह को दे दिया था। इससे एयरलाइन्स की ओनरशिप ही बदल गई था। इस समझौते के तहत केएएल एयरवेज और मारन को स्पाइसजेट पर खर्च किए गए उनके 690 करोड़ रुपये के वॉरंट दिए जाने थे।