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रतन टाटा की इस कंपनी में 104 साल से नहीं था कोई सीईओ, अब क्रिएट हो रही पोस्ट

प्रस्तावित योजना के मुताबिक सीईओ 153 साल पुराने टाटा ग्रुप (Tata Group) को बिजनस को दिशा दिखाएगा जबकि चेयरमैन शेयरहोल्डर्स की ओर से सीईओ के कामकाज पर नजर रखेगा।

नवभारतटाइम्स.कॉम 15 Sep 2021, 2:25 pm

हाइलाइट्स

  • कंपनी के लीडरशिप स्ट्रक्चर को रिऑर्गेनाइज किया जा रहा है और गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स में सुधार किया जा रहा है।
  • इसके तहत कंपनी में सीईओ की पोजिशन क्रिएट करने पर विचार हो सकता है।
  • ग्रुप के नए सीईओ को कई तरह की चुनौतियों से निपटना होगा।
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नवभारतटाइम्स.कॉम ratan tata
नई दिल्ली
टाटा ग्रुप (Tata Group) को कंट्रोल करने वाली टाटा सन्स (Tata Sons) को 104 साल में पहली बार सीईओ (Chief Executive Officer) मिल सकता है। कंपनी के लीडरशिप स्ट्रक्चर को रिऑर्गेनाइज किया जा रहा है और गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स (Governance Standard) में सुधार किया जा रहा है। इसके तहत कंपनी में सीईओ (CEO) की पोजिशन क्रिएट करने पर विचार हो सकता है। यह बात ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट से सामने आई है। अभी तक टाटा सन्स के परिचालन और पोर्टफोलियो कंपिनयों में निवेश को इसके एग्जीक्यूटिव चेयरमैन देखते आए हैं।
प्रस्तावित योजना के मुताबिक सीईओ 153 साल पुराने टाटा ग्रुप को बिजनस को दिशा दिखाएगा जबकि चेयरमैन शेयरहोल्डर्स की ओर से सीईओ के कामकाज पर नजर रखेगा।

टाटा ट्रस्ट्स और रतन टाटा की मंजूरी जरूरी

ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से कहा कि लीडरशिप स्ट्रक्चर में बदलाव के लिए टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts) के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) की मंजूरी को अहम माना जा रहा है। टाटा संस के मौजूदा चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन (Natarajan Chandrasekaran) का कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है लेकिन उन्हें एक्सटेंशन देने पर विचार किया जा रहा है। सीईओ की पोस्ट के लिए टाटा स्टील लिमिटेड सहित टाटा ग्रुप की विभिन्न कंपनियों के प्रमुखों के नाम पर विचार चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक इस बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है और इसके प्लान तथा डिटेल में बदलाव हो सकता है।

अब क्यों क्रिएट हो रही सीईओ की पोजिशन
टाटा ग्रुप की लीडरशिप में बदलाव की योजना सेबी की सिफारिशों के अनुरूप है। सूत्रों के मुताबिक सेबी का कहना है कि बेहतर कामकाज के लिए देश की टॉप 500 लिस्टेड कंपनियों में अप्रैल 2022 तक चेयरमैन और सीईओ अलग-अलग होना चाहिए। हालांकि टाटा संस लिस्टेड कंपनी नहीं है लेकिन बदलाव से उसे इस नियम के अनुपालन में मदद मिलेगी। टाटा ग्रुप 100 से अधिक बिजनस करता है और उसकी लिस्टेड कंपनियों की संख्या 2 दर्जन से अधिक है। 2020 में ग्रुप का कंबाइंड सालाना रेवेन्यू 106 अरब डॉलर था। टाटा ग्रुप के कर्मचारियों की संख्या 750,000 है।

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नए ग्रुप सीईओ की चुनौतियां
ग्रुप के नए सीईओ को कई तरह की चुनौतियों से निपटना होगा। टाटा स्टील पर 10 अरब डॉलर का कर्ज है, जबकि टाटा मोटर्स लगातार तीन साल से घाटे में चल रही है। डिजिटल स्पेस में बिजनेस बढ़ाने की कंपनी की योजना अभी तक आगे नहीं बढ़ पाई है। टाटा ग्रुप के पास टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के रूप में एशिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सर्विस प्रोवाइडर है लेकिन ई-कॉमर्स बिजनस के लिए सुपरऐप लॉन्च करने की उसकी योजना अब तक सफल नहीं हो पाई है।

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