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थायसनक्रप के साथ JV से इंडियन प्लेटफॉर्म पर फोकस कर सकेगी टाटा स्टील: चंद्रशेखरन

थायसनक्रप के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाने के डेफिनिटिव एग्रीमेंट पर टाटा स्टील यूरोप के दस्तखत करने से इसकी पैरेंट कंपनी को इंडिया में स्ट्रॉन्ग प्लेटफॉर्म बनाने पर फोकस करने में मदद मिलेगी।

Navbharat Times 3 Jul 2018, 9:00 am
मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम tata steel to focus on indian platform from jv with thaisanaprak
थायसनक्रप के साथ JV से इंडियन प्लेटफॉर्म पर फोकस कर सकेगी टाटा स्टील: चंद्रशेखरन

थायसनक्रप के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाने के डेफिनिटिव एग्रीमेंट पर टाटा स्टील यूरोप के दस्तखत करने से इसकी पैरेंट कंपनी को इंडिया में स्ट्रॉन्ग प्लेटफॉर्म बनाने पर फोकस करने में मदद मिलेगी। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सोमवार को कहा कि यह तब हो रहा है, जब टाटा स्टील ज्यादा बिजनेस हासिल होने की उम्मीद में इंडिया में मौजूदा कैपेसिटी डबल करने की योजना बना रही है। ब्रसेल्स के बिब्लियोथेक सॉल्वे में दोनों कंपनियों के ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, 'हमारा मकसद इंडिया में अपनी कैपेसिटी को मौजूदा 1.3 करोड़ टन से बढ़ाकर 2.5 करोड़ टन करना है। ज्वाइंट वेंचर से हमें शर्तिया फायदा होगा क्योंकि यूरोपियन कंपनी में मजबूती आने से उधारी में कमी आएगी और हम इंडिया में स्ट्रॉन्ग प्लेटफॉर्म बनाने पर भी ज्यादा फोकस कर सकेंगे।'

ज्वाइंट वेंचर बनने से टाटा स्टील यूरोप के कर्ज में 2.5 अरब डॉलर की कमी आएगी और टाटा स्टील की कंसॉलिडेटेड बैलेंसशीट से लगभग ~20,000 करोड़ के कर्ज का बोझ हट जाएगा। टाटा स्टील फिलहाल अपने बूते और दूसरी कंपनियों की खरीदारी से अपनी कैपेसिटी बढ़ाने में जुटी है। वह 50 लाख टन कैपेसिटी वाली भूषण स्टील को खरीद चुकी है और भूषण पावर एंड स्टील से डील कर रही है। कंपनी उड़ीसा के कलिंगनगर वाले 30 लाख टन कैपेसिटी के प्लांट में 50 लाख टन का कैपेसिटी एडिशन कर रही है।

थायसनक्रप के साथ इस डील का प्रपोजल टाटा संस के फॉर्मर चेयरमैन सायरस मिस्त्री ने दिया था, जिस पर दो साल तक काम चला। चंद्रशेखरन ने कहा कि इस पीरियड से कंपनी को सभी स्टेकहोल्डर्स से संपर्क करने और उन्हें एकजुट करने में मदद मिली। टाटा संस के चेयरमैन ने कहा, 'तेजी दिखाने के बजाय पूरी छानबीन करना जरूरी है, क्योंकि कारोबार में मजबूती होना जरूरी है।' थायसनक्रप के सीईओ हेनरिक हेसिंगर का कहना है कि प्रोसेस में कुछ सरप्राइज देखने को मिले, जिसके चलते डील में देरी हुई। उन्होंने कहा, 'हमने ब्रेग्जिट की प्लानिंग नहीं की थी और दूसरा जब हमने टाटा स्टील के साथ बातचीत शुरू की थी, बातचीत के लिए हमारे सामने दूसरे शख्स थे।' हेनरिक 2016 में मिस्त्री को अचानक टाटा ग्रुप से निकाले जाने का जिक्र कर रहे थे।

टाटा स्टील यूरोप का एक प्लांट यूरोप में है, इसलिए जेवी के कामकाज पर ब्रेग्जिट के संभावित असर के बारे में पूछे जाने पर हेनरिक ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि नतीजा जो भी होगा, हमारे सामने फ्री मार्केट होगा।' उन्होंने कहा कि हालांकि ब्रिटेन, हॉलैंड और जर्मनी में इंटीग्रेटेड प्लांट्स होने से मुश्किल हालात में हमें अच्छी-खासी फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी। डील पर दस्तखत होने के बाद अब तक दोनों पार्टियों का अगला कदम दो हफ्तों में जेवी के लिए नए बोर्ड का ऐलान करना होगा। क्या यह डील लॉन्ग टर्म होगी? इस बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में हेनरिक ने कहा कि जेवी के पास आईपीओ लाने की फ्लेक्सिबिलिटी तो होगी, लेकिन छह साल की मैच्योरिटी रखी जाएगी।

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