लखनऊ
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य खेती किसानी की जमीन का और उससे जुड़े तमाम कार्यों का डिजिटलीकरण करने का है। खेती किसानी के काम में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार रजिस्ट्री, रिकॉर्ड, जमीन की खरीद सभी कुछ का डिजिटल रिकार्ड रखने और उसका डिजिटलीकरण कर रही है। इससे गांवों में होने वालों झगड़ों से भी मुक्ति मिलेगी। पंचायती राज और अन्य विभागों की समीक्षा करने लखनऊ आए सिंह ने लोकभवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी 24 से 25 करोड है। प्रदेश की अधिकतम 22 फीसदी आबादी शहरी है जबकि 75 फीसदी आबादी ग्रामीण है। प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मनरेगा योजना, आजीविका मिशन योजना और दीनदयाल कौशल योजना जैसे कई कार्यक्रमों के तहत सरकार लोगों को बेहतर जिंदगी देने के लिए काम कर रही है।
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गांव में होने वाले झगड़ों से मुक्ति मिलेगी
उन्होंने कहा कि हम पूरे देश में खेती की जमीन का डिजिटलीकरण कर रहे है। इसके अलावा रजिस्ट्री कार्यालय का, रिकार्ड रूम का भी डिजिटलीकरण का काम कर रहे हैं। अभी 10 करोड भूखंडों की खरीद फरोख्त का काम डिजिटल तरीके से हुआ। जब जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल होगा तो देश के अंदर पारदर्शिता और गांव में होने वाले झगड़ों से मुक्ति मिलेगी। मनरेगा के बारे में उन्होंने कहा कि अगर 2013 और 2014 को देखें तो उस समय तक एक लाख 93 हजार 644 करोड रूपये का खर्च 5 वर्ष में किया गया। वहीं नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्ष 2021-22 इससे कहीं अधिक खर्च किए। मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 53 से 54 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
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पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि पहले राज्यों में आवास योजना नगण्य थी। उत्तर प्रदेश में पहले लोहिया आवास योजना बनी थी लेकिन वह योजना कुछ चुनिंदा लोगों के लिए ही उपलब्ध थी। यह एक तरह से राजनीतिक आवास योजना थी। लेकिन योगी और मोदी काल में सभी बेघरों को घर मिला है। इस सरकार और पिछली सरकार के कार्यकाल में यह अंतर देखने को मिल रहा है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य खेती किसानी की जमीन का और उससे जुड़े तमाम कार्यों का डिजिटलीकरण करने का है। खेती किसानी के काम में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार रजिस्ट्री, रिकॉर्ड, जमीन की खरीद सभी कुछ का डिजिटल रिकार्ड रखने और उसका डिजिटलीकरण कर रही है। इससे गांवों में होने वालों झगड़ों से भी मुक्ति मिलेगी।
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गांव में होने वाले झगड़ों से मुक्ति मिलेगी
उन्होंने कहा कि हम पूरे देश में खेती की जमीन का डिजिटलीकरण कर रहे है। इसके अलावा रजिस्ट्री कार्यालय का, रिकार्ड रूम का भी डिजिटलीकरण का काम कर रहे हैं। अभी 10 करोड भूखंडों की खरीद फरोख्त का काम डिजिटल तरीके से हुआ। जब जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल होगा तो देश के अंदर पारदर्शिता और गांव में होने वाले झगड़ों से मुक्ति मिलेगी। मनरेगा के बारे में उन्होंने कहा कि अगर 2013 और 2014 को देखें तो उस समय तक एक लाख 93 हजार 644 करोड रूपये का खर्च 5 वर्ष में किया गया। वहीं नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्ष 2021-22 इससे कहीं अधिक खर्च किए। मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 53 से 54 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
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पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि पहले राज्यों में आवास योजना नगण्य थी। उत्तर प्रदेश में पहले लोहिया आवास योजना बनी थी लेकिन वह योजना कुछ चुनिंदा लोगों के लिए ही उपलब्ध थी। यह एक तरह से राजनीतिक आवास योजना थी। लेकिन योगी और मोदी काल में सभी बेघरों को घर मिला है। इस सरकार और पिछली सरकार के कार्यकाल में यह अंतर देखने को मिल रहा है।