नई दिल्ली
अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) ने कोरोना वायरस महामारी से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए भारत सरकार को अलग से 'कोविड-19' बजट (Corona special budget) बनाने की सलाह दी है। यूएसआईबीसी का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इस समय बढ़ती वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिये विशेष बजट पेश करने की जरूरत है। टैक्स फ्री बॉन्ड जारी करने का सुझाव
यूएसआईबीसी ने असाधारण वित्तीय और व्यय जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार को टैक्स फ्री कोविड-19 बॉन्ड जारी कर घरेलू बाजार से अधिक कोष जुटाने का भी सुझाव दिया। परिषद ने इस संबंध में एक विस्तृत सुझाव पत्र आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अतनु चक्रवर्ती को दिया है। इसमें विभिन्न राजकोषीय, मौद्रिक और नियामकीय उपाय सुझाए गए हैं।
भारत की यह कंपनी कोरोना टीका के करीब
SMEs को मिले वित्तीय सहायता
चक्रवर्ती आर्थिक और कल्याणकारी उपाय सुझाने के लिए बनाए गए सशक्त समूह के प्रमुख हैं। यूएसआईबीसी ने लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र (SME) को विशेष तौर वित्तीय और ऋण सहायता देने की बात कही है। उसने इनके साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में लक्षित वित्त पोषण, किसानों की आय को बेहतर करने के लिए लघु अवधि के सुधार और विमानन उद्योग को सीधी राहत देने का भी सुझाव दिया है।
जब मजदूर ही नहीं तो कैसे शुरू होगा बिजनस?
MSME को लेकर विशेष परेशानी
कई आर्थिक जानकार सरकार से MSME सेक्टर के लिए विशेष राहत की अपील कर चुके हैं। उनका कहना है कि इसस सेक्टर का जीडीपी में योगदान एक तिहाई से ज्यादा है और 11 करोड़ से ज्यादा लोग इस सेक्टर में काम करते हैं।
सोनिया गांधी की पांच सलाह
सोनिया गांधी ने भी दिए पांच सुझाव
25 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस सेक्टर को बचाने को लेकर विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी। उन्होंने इस सेक्टर को बचाने के लिए सरकार को पांच उपाय भी बताए।
अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) ने कोरोना वायरस महामारी से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए भारत सरकार को अलग से 'कोविड-19' बजट (Corona special budget) बनाने की सलाह दी है। यूएसआईबीसी का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इस समय बढ़ती वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिये विशेष बजट पेश करने की जरूरत है।
यूएसआईबीसी ने असाधारण वित्तीय और व्यय जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार को टैक्स फ्री कोविड-19 बॉन्ड जारी कर घरेलू बाजार से अधिक कोष जुटाने का भी सुझाव दिया। परिषद ने इस संबंध में एक विस्तृत सुझाव पत्र आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अतनु चक्रवर्ती को दिया है। इसमें विभिन्न राजकोषीय, मौद्रिक और नियामकीय उपाय सुझाए गए हैं।
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SMEs को मिले वित्तीय सहायता
चक्रवर्ती आर्थिक और कल्याणकारी उपाय सुझाने के लिए बनाए गए सशक्त समूह के प्रमुख हैं। यूएसआईबीसी ने लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र (SME) को विशेष तौर वित्तीय और ऋण सहायता देने की बात कही है। उसने इनके साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में लक्षित वित्त पोषण, किसानों की आय को बेहतर करने के लिए लघु अवधि के सुधार और विमानन उद्योग को सीधी राहत देने का भी सुझाव दिया है।
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MSME को लेकर विशेष परेशानी
कई आर्थिक जानकार सरकार से MSME सेक्टर के लिए विशेष राहत की अपील कर चुके हैं। उनका कहना है कि इसस सेक्टर का जीडीपी में योगदान एक तिहाई से ज्यादा है और 11 करोड़ से ज्यादा लोग इस सेक्टर में काम करते हैं।
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25 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस सेक्टर को बचाने को लेकर विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी। उन्होंने इस सेक्टर को बचाने के लिए सरकार को पांच उपाय भी बताए।