ऋतंकर मुखर्जी, कोलकाता
ऐपल ने कई भारतीय रिटेलरों से कहा है कि अगर वे आईपैड, ऐपल वॉच, ऐपल टीवी और अक्सेसरीज का स्टॉक नहीं लेंगे तो उन्हें आईफोन भी नहीं मिलेंगे। स्टॉक क्लीयर करने के लिए अमेरिकी कंपनी ने यह रास्ता अपनाया है। ऐपल ने डिस्ट्रीब्यूटरों से कहा है कि अगर उन्हें आईफोन 7, 6S और 6S प्लस चाहिए तो ये सामान भी खरीदने पड़ेंगे। दिल्ली की एक रिटेल कंपनी के बॉस ने बताया, 'पुराना स्टॉक क्लीयर करने के लिए ऐपल आईफोन के साथ दूसरे प्रॉडक्ट्स लेने पर मजबूर कर रहा है। इससे रिटेलरों की मुश्किल बढ़ी है क्योंकि इन प्रॉडक्ट्स की मांग काफी कम है।'
ऐपल इंडिया की आमदनी में आईफोन का योगदान 80% है। कंपनी एक प्रॉडक्ट पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रही है, लेकिन रिटेलरों का कहना है कि ऐपल टीवी और वॉच की बिक्री भारत में कभी नहीं बढ़ी। उन्होंने बताया कि टैबलट का मार्केट भी भारत में ठंडा पड़ रहा है।
पढ़ें: इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग के लिए ऐपल को नहीं मिलेगा स्पेशल ट्रीटमेंट
तीन सीनियर ट्रेड एग्जिक्युटिव्स ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कंपनी नेबरहुड यानी पास के मार्केट के स्टोर्स पर आईफोन के साथ दूसरे प्रॉडक्ट्स लेने का दबाव डाल रही है। उन्होंने बताया कि ऐपल ने हाल में अपनी सेल्स बढ़ाने के लिए इन्हें सप्लाइ शुरू की है। उनके मुताबिक, इससे पता चलता है कि आईपैड, वॉच, ऐपल टीवी और असेसरीज की जैसी बिक्री की उम्मीद कंपनी को थी, वैसी नहीं हो रही है। इसलिए वह डिस्ट्रीब्यूटरों पर छोटे स्टोर के जरिये इनकी बिक्री बढ़ाने के लिए दबाव डाल रही है। इस खबर के लिए एपल को भेजी गई ईमेल का जवाब नहीं मिला।
मार्कट रिसर्चर काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, पिछले साल ऐपल इंडिया की बिक्री 25% बढ़कर 25 लाख यूनिट रही थी। उसका दावा है कि पिछली तिमाही में ऐपल ने भारत के स्मार्टफोन मार्केट की टॉप 10 कंपनियों में जगह बनाई थी। वहीं, प्रीमियम सेगमेंट यानी 30,000 रुपये से अधिक दाम वाले स्मार्टफोन सेगमेंट में उसकी बाजार हिस्सेदारी 62% थी। काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, इस बाजार में सैमसंग की हिस्सेदारी 30% और गूगल पिक्सल की 5% थी।
एक बड़ी सेलफोन रिटेल चेन के सीनियर एग्जिक्युटिव ने बताया कि कम मांग के चलते रिटेलर आईपैड, ऐपल वॉच और ऐपल टीवी नहीं बेचते हैं। उन्होंने कहा, 'कंपनी कंपलसरी बंडलिंग स्कीम के जरिये इन सामानों की बिक्री बढ़ाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, यह मॉडल टिकाऊ साबित नहीं होगा।' ग्लोबल मार्केट में भी आईपैड की बिक्री घट रही है। ऐपल के एग्जिक्युटिव्स ने पिछली तिमाही के रिजल्ट के दौरान ऐनालिस्टों को बताया था कि आईपैड से कंपनी की आमदनी जुलाई-सितंबर 2016 क्वॉर्टर में साल भर पहले की इसी तिमाही के बराबर थी। भारत में भी टैबलेट की बिक्री घट रही है।
ऐपल ने कई भारतीय रिटेलरों से कहा है कि अगर वे आईपैड, ऐपल वॉच, ऐपल टीवी और अक्सेसरीज का स्टॉक नहीं लेंगे तो उन्हें आईफोन भी नहीं मिलेंगे। स्टॉक क्लीयर करने के लिए अमेरिकी कंपनी ने यह रास्ता अपनाया है। ऐपल ने डिस्ट्रीब्यूटरों से कहा है कि अगर उन्हें आईफोन 7, 6S और 6S प्लस चाहिए तो ये सामान भी खरीदने पड़ेंगे। दिल्ली की एक रिटेल कंपनी के बॉस ने बताया, 'पुराना स्टॉक क्लीयर करने के लिए ऐपल आईफोन के साथ दूसरे प्रॉडक्ट्स लेने पर मजबूर कर रहा है। इससे रिटेलरों की मुश्किल बढ़ी है क्योंकि इन प्रॉडक्ट्स की मांग काफी कम है।'
ऐपल इंडिया की आमदनी में आईफोन का योगदान 80% है। कंपनी एक प्रॉडक्ट पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रही है, लेकिन रिटेलरों का कहना है कि ऐपल टीवी और वॉच की बिक्री भारत में कभी नहीं बढ़ी। उन्होंने बताया कि टैबलट का मार्केट भी भारत में ठंडा पड़ रहा है।
पढ़ें: इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग के लिए ऐपल को नहीं मिलेगा स्पेशल ट्रीटमेंट
तीन सीनियर ट्रेड एग्जिक्युटिव्स ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कंपनी नेबरहुड यानी पास के मार्केट के स्टोर्स पर आईफोन के साथ दूसरे प्रॉडक्ट्स लेने का दबाव डाल रही है। उन्होंने बताया कि ऐपल ने हाल में अपनी सेल्स बढ़ाने के लिए इन्हें सप्लाइ शुरू की है। उनके मुताबिक, इससे पता चलता है कि आईपैड, वॉच, ऐपल टीवी और असेसरीज की जैसी बिक्री की उम्मीद कंपनी को थी, वैसी नहीं हो रही है। इसलिए वह डिस्ट्रीब्यूटरों पर छोटे स्टोर के जरिये इनकी बिक्री बढ़ाने के लिए दबाव डाल रही है। इस खबर के लिए एपल को भेजी गई ईमेल का जवाब नहीं मिला।
मार्कट रिसर्चर काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, पिछले साल ऐपल इंडिया की बिक्री 25% बढ़कर 25 लाख यूनिट रही थी। उसका दावा है कि पिछली तिमाही में ऐपल ने भारत के स्मार्टफोन मार्केट की टॉप 10 कंपनियों में जगह बनाई थी। वहीं, प्रीमियम सेगमेंट यानी 30,000 रुपये से अधिक दाम वाले स्मार्टफोन सेगमेंट में उसकी बाजार हिस्सेदारी 62% थी। काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, इस बाजार में सैमसंग की हिस्सेदारी 30% और गूगल पिक्सल की 5% थी।
एक बड़ी सेलफोन रिटेल चेन के सीनियर एग्जिक्युटिव ने बताया कि कम मांग के चलते रिटेलर आईपैड, ऐपल वॉच और ऐपल टीवी नहीं बेचते हैं। उन्होंने कहा, 'कंपनी कंपलसरी बंडलिंग स्कीम के जरिये इन सामानों की बिक्री बढ़ाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, यह मॉडल टिकाऊ साबित नहीं होगा।' ग्लोबल मार्केट में भी आईपैड की बिक्री घट रही है। ऐपल के एग्जिक्युटिव्स ने पिछली तिमाही के रिजल्ट के दौरान ऐनालिस्टों को बताया था कि आईपैड से कंपनी की आमदनी जुलाई-सितंबर 2016 क्वॉर्टर में साल भर पहले की इसी तिमाही के बराबर थी। भारत में भी टैबलेट की बिक्री घट रही है।