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जानिए क्या है 'एयर बबल्स' और इसके तहत किन देशों के साथ हुआ है करार

हाल ही में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने एयर बबल्स (air bubbles) का जिक्र किया। इसके तहत दो देशों द्वारा द्विपक्षीय समझौता कर के जब एक खास एयर कॉरिडोर बनाया जाता है, जिसे एयर बबल कहते हैं, ताकि हवाई यात्रा में कोई दिक्कत ना आए।

नवभारतटाइम्स.कॉम 19 Jul 2020, 9:53 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम what is air bubbles in international travel and benefits from this agreement
जानिए क्या है 'एयर बबल्स' और इसके तहत किन देशों के साथ हुआ है करार

पिछले दिनों केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एयर बबल्स (air bubbles) शब्द का इस्तेमाल किया। अब सवाल ये है कि इसका मतलब क्या है। आपको बता दें कि इसके तहत हवाई यात्रा के लिए दो देशों के बीच करार किया जाता है। दो देशों द्वारा द्विपक्षीय समझौता कर के जब एक खास एयर कॉरिडोर बनाया जाता है तो उसे एयर बबल कहते हैं, ताकि हवाई यात्रा में कोई दिक्कत ना आए। इस समय कोरोना संकट से पूरी दुनिया परेशान है, इसलिए तमाम शर्तों के साथ दो देश आपस में एयर बबल्स शुरू कर सकते हैं, जिसमें सुरक्षा मानकों का पालन जरूरी होता है। भारत भी कई देशों के साथ इस प्रक्रिया में जुटा है।


पहले क्या होता था?

इससे पहले तक सिर्फ वंदे भारत मिशन का ही विकल्प था, जिसके तहत एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और बाद में इंडिगो और स्पाइसजेट के जरिए दुनिया के तमाम देशों में फंसे भारतीयों को निकाला जा रहा था।

कितने देशों से एयर बबल्स करार

हरदीप पुरी ने कहा कि जब तक देश कोरोना संकट से मुक्त नहीं हो जाता, तब तक एयर बबल्स की स्थिति बनी रहेगी। करार के तहत अमेरिका की यूनाइटेड एयरलाइंस 17 से 31 जुलाई तक भारत और अमेरिका के बीच 18 उड़ानों का संचालन करेगी। एयर फ्रांस 18 जुलाई से 1 अगस्त के बीच दिल्ली/मुंबई और बेंगलुरु के लिए कुल 28 फ्लाइट्स का संचालन करेगी। साथ ही जर्मनी की एयरलाइन कंपनी लुफ्थांसा भी दो सप्ताह तक उड़ानें भरेगी। ब्रिटेन के साथ भी एयर बबल्स स्थापित करने को लेकर बात चल रही है। भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच 12 जुलाई से उड़ानें जारी हैं।

अभी नहीं होंगी कमर्शियल उड़ानें

कमर्शियल अंतरराष्ट्रीय उड़ानें अबी शुरू नहीं हुई हैं, सिर्फ एयर बबल्स के तहत दो देश उड़ानों को मंजूरी दे रहे हैं, जिसके तहत तमाम शर्तों का पालन करना होगा। अधिकतर देशों में अभी भी पर्यटकों के जाने पर पाबंदी है। गृह मंत्रालय ने भी 1 जून को कहा था कि सिर्फ ऐसे व्यक्ति जो गंतव्य देशों के नागरिक हैं, ग्रीन कार्ड या ओसीआई कार्डधारक हैं, तीन महीने की विशिष्ट वैधता के साथ उस देश का वीजा लिए हुए हैं, सिर्फ वही उस देश में जा सकते हैं।

भारत आने के लिए नियम

जिस तरह विदेश दौरा करने के तमाम नियम हैं, वैसे ही किसी विदेशी के भारत आने को लेकर भी कई नियम हैं। भारत में जिन कैटेगरी में इजाजत दी जा रही है, उनमें स्वास्थ्य सेवा, विनिर्माण, इंजीनियरिंग, प्रंबधन, डिजाइन और कुछ अन्य क्षेत्रों के लोग ही शामिल हैं। इसमें भी प्रशासन पूरी संतुष्टि के बाद किसी को प्रवेश देता है।

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