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फ्यूचर-रिलायंस की डील में ऐमजॉन कहां से आ टपका, आइए जानते हैं आखिर किस बात की है लड़ाई!

डील हुई रिलायंस रिटेल और फ्यूचर ग्रुप के बीच, लेकिन कोर्ट जा पहुंचा ऐमजॉन। सवाल ये है कि डील किसी और की... और दिक्कत किसी और को हो रही है। मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि इस लड़ाई (why future-amazon-reliance fighting) में ऐमजॉन कहां से आ धमका। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

नवभारतटाइम्स.कॉम 21 Dec 2020, 4:50 pm
Why future-amazon-reliance fighting: हाल ही में किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। इसमें ऐमजॉन की तरफ से सिंगापुर अदालत के फैसले के बारे में सेबी और सीसीआई को लिखने से मना करे की अपील की गई थी। अब दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल की उस अपील को खारिज कर दिया है। बता दें कि 25 अक्टूबर को सिंगापुर कोर्ट ने ऐमजॉन के पक्ष में फैसला सुनाया था और फ्यूचर रिटेल उस फैसले के खिलाफ है।
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फ्यूचर-रिलायंस की डील में ऐमजॉन कहां से आ टपका, आइए जानते हैं आखिर किस बात की है लड़ाई!


आखिर झगड़ा किस बात का है?

पिछले कई महीनों से ऐमजॉन, फ्यूचर रिटेल और रिलायंस के बीच विवाद चल रहा है। ये विवाद तब से पैदा हुआ है, जब से रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर रिटेल को खरीदा है। ऐसे में बहुत से लोग तो ये समझ ही नहीं पा रहे हैं कि आखिर फ्यूचर रिटेल और रिलायंस रिटेल के बीच हुई डील में ऐमजॉन कहां से आ गया और इन तीनों में झगड़ा किस बात को लेकर हो रहा है कि मामला कोर्ट-कचहरी तक जा पहुंचा है। तो आइए इसे समझते हैं।

जानिए, फ्यूचर-रिलायंस डील में ऐमजॉन कहां से आया!

फ्यूचर ग्रुप ने करीब 24 हजार करोड़ रुपये में अपना खुदरा, भंडारण और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस इंडस्ट्री को बेचने की डील की। इस सौदे पर आपत्ति जताते हुए ऐमजॉन ने कहा था कि उसने फ्यूचर रिटेल की प्रवर्तक कंपनी एफसीपीएल में पिछले साल अगस्त में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके लिए हुए सौदे में ऐमजॉन को फ्यूचर समूह में निवेश करने के बारे में पहले पूछे जाने का अधिकार मिला है। साथ ही तीन से 10 साल की अवधि के बाद समूह की प्रमुख कंपनी फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला है। बता दें कि एफसीपीएल की फ्यूचर रिटेल में 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

असली लड़ाई फ्यूचर-अमेजन की, रिलायंस भी फंस गया!

अब एक बात तो साफ हो जाती है कि असली लड़ाई फ्यूचर ग्रुप और ऐमजॉन की है, लेकिन रिलायंस रिटेल को इस लड़ाई की वजह से दिक्कत हो रही है। सिंगापुर मध्यस्थता कोर्ट ने तो फ्यूचर ग्रुप की रिलायंस से हुई डील पर ही रोक लगाने के आदेश दे दिए हैं। ऐसे में फ्यूचर ग्रुप और ऐमजॉन के बीच चल रही कानूनी लड़ाई में रिलायंस भी फंस गया है। अब तक इस लड़ाई का कोई हल नहीं निकल सका है और दिल्ली हाईकोर्ट में फिलहाल इस मामले को लेकर कानूनी लड़ाई जारी है।

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