नई दिल्ली
रियल एस्टेट, राजमार्ग या अन्य ढांचागत परियोजना में काम करने वाले देशभर के करीब 3.5 करोड मजदूरों को भी कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन में मदद मिलेगी। यह मदद उन्हें कंस्ट्रक्शन सेस के मद में जमा 52 हजार करोड़ रुपये की राशि में से मिलेगी। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से सभी राज्यों को मंगलवार को ही पत्र भेजा जा चुका है।
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने मंगलवार को सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों को पत्र लिख कर कहा कि 52,000 करोड़ रुपये के कंस्ट्रक्शन सेस से इस क्षेत्र में काम करने वाले करीब साढे़ तीन करोड़ मजदूरों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएं।
मंत्री ने कहा है कि भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (बीओसीडब्ल्यू) अधिनियम, 1996 की धारा 60 के तहत, सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के कंस्ट्रक्शन श्रमिक कल्याण कल्याण बोर्ड कंस्ट्रक्शन सेस एकत्र करता है। इसी से मजदूरों खाते में डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के जरिये राशि हस्तांतरित की जाए।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि इस समय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस मद में करीब 52 हजार करोड़ रुपये एकत्रित किया है और कंस्ट्रक्शन श्रमिक कल्याण बोर्ड में कुल 3.5 करोड़ मजदूर पंजीकृत हैं। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में इसी कोष से उन्हें सहायता दी जाए।
रियल एस्टेट, राजमार्ग या अन्य ढांचागत परियोजना में काम करने वाले देशभर के करीब 3.5 करोड मजदूरों को भी कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन में मदद मिलेगी। यह मदद उन्हें कंस्ट्रक्शन सेस के मद में जमा 52 हजार करोड़ रुपये की राशि में से मिलेगी। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से सभी राज्यों को मंगलवार को ही पत्र भेजा जा चुका है।
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने मंगलवार को सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों को पत्र लिख कर कहा कि 52,000 करोड़ रुपये के कंस्ट्रक्शन सेस से इस क्षेत्र में काम करने वाले करीब साढे़ तीन करोड़ मजदूरों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएं।
मंत्री ने कहा है कि भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (बीओसीडब्ल्यू) अधिनियम, 1996 की धारा 60 के तहत, सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के कंस्ट्रक्शन श्रमिक कल्याण कल्याण बोर्ड कंस्ट्रक्शन सेस एकत्र करता है। इसी से मजदूरों खाते में डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के जरिये राशि हस्तांतरित की जाए।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि इस समय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस मद में करीब 52 हजार करोड़ रुपये एकत्रित किया है और कंस्ट्रक्शन श्रमिक कल्याण बोर्ड में कुल 3.5 करोड़ मजदूर पंजीकृत हैं। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में इसी कोष से उन्हें सहायता दी जाए।