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तिलहन पर 5% GST लगने से एडिबल ऑयल मैन्युफैक्चरर्स परेशान

[ जयश्री भोसले | पुणे ]अनाज और दलहन जैसे ज्यादातर दूसरे कृषि उत्पादों को GST के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन तिलहन पर 5 फीसदी का टैक्स लगेगा। ...

नवभारतटाइम्स.कॉम 22 May 2017, 9:00 am

[ जयश्री भोसले | पुणे ]

अनाज और दलहन जैसे ज्यादातर दूसरे कृषि उत्पादों को GST के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन तिलहन पर 5 फीसदी का टैक्स लगेगा। एडिबल ऑयल मैन्युफैक्चरर्स इसके कारण बड़ी रकम फंस जाने को लेकर चिंतित हैं क्योंकि वे इनपुट्स पर जो टैक्स देंगे, उसके बदले आउटपुट (एडिबल ऑयल और डी-ऑयल्ड केक या DOC) से आंशिक हिस्सा ही रिकवर कर सकेंगे। डी-ऑयल्ड केक या खली, एडिबल ऑयल मैन्युफैक्चरिंग का एक सह उत्पाद है और इसे मुख्य तौर पर पशु ओं को खिलाया जाता है।

सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) के प्रेसिडेंट दाविश जैन ने कहा, 'पहले दिए गए संकेतों के मुताबिक, इंडस्ट्री उम्मीद कर रही थी कि अनाज और दलहन की तरह तिलहन को भी टैक्स के शून्य रेट के तहत रखा जाएगा।' GST की प्राइमरी लिस्ट में तिलहन को 5 फीसदी टैक्स ब्रैकेट में शामिल किया गया है। तिलहन की पेराई के बाद बनने वाले दो उत्पादों में से केवल एडिबल ऑयल पर 5 फीसदी GST लगेगा, जबकि दूसरे प्रॉडक्ट खली को निल टैक्स कैटेगरी (टैक्स के दायरे से बाहर) में रखा गया है। वहीं, बीज के लिए इस्तेमाल होने वाले ऑयलसीड्स को भी टैक्स से छूट दी गई है।

जैन ने कहा, 'जब तिलहन की पेराई की जाती है तो आउटपुट में खली या DOC प्रॉडक्शन की हिस्सेदारी 70 फीसदी और ऑयल का हिस्सा 30 फीसदी होता है। ऐसे में इनपुट्स पर दिए गए 5 फीसदी टैक्स में से तिलहन केवल एडिबल ऑयल से करीब 1.5-2 फीसदी टैक्स रिकवर करने में कामयाब हो पाएगा, जबकि बाकी के 3-3.5 फीसदी के लिए हमें रिफंड मांगना पड़ेगा।' मौजूदा समय तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या सीधे किसानों से खरीदे गए कृषि उत्पादों पर GST लगेगा, क्योंकि किसान न तो रजिस्टर्ड वेंडर्स हैं और न ही उनके पास वैट नंबर है। हालांकि, अगर किसानों से की जाने वाली सीधी खरीद को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाता है तो इंडस्ट्री का मानना है कि टैक्स रिफंड के रूप में बड़ी रकम फंसाने से बचाने की खातिर किसानों से सीधी खरीद बढ़ सकती है।

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