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इन सर्दियों में सोने-चांदी में लगेगी आग, जानिए आखिर क्या रहेगी इसकी वजह !

इस साल खरीफ की फसल का रकबा (good rain results record kharif crop acreage) अब तक का सबसे अधिक रहा है। इससे ना सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि सोने-चांदी की कीमतों (Gold Silver prices in witner) में भी आग लगने का अनुमान लगाया जा रहा है। आइए जानते हैं कैसे।

नवभारतटाइम्स.कॉम 29 Aug 2020, 1:12 pm
हाल ही में एग्रिकल्चर सेक्टर से एक खबर आई है कि इस बार अच्छी बारिश की वजह से खरीब की फसल का रकबा रेकॉर्ड हाई (good rain results record kharif crop acreage) रहा है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि एग्रिकल्चर सेक्टर में ग्रोथ (Growth in agriculture sector) जारी रहेगी, जबकि देश की जीडीपी लगातार सिकुड़ती जा रही है। एग्रिकल्चर सेक्टर की इस खबर से ना सिर्फ अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इन सर्दियों में इसी के चलते सोने-चांदी की कीमतों (Gold Silver prices in witner) में भी आग लग सकती है। आइए जानते हैं कैसे।
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इन सर्दियों में सोने-चांदी में लगेगी आग, जानिए आखिर क्या रहेगी इसकी वजह !


सोने-चांदी पर कैसे होगा इसका असर?

अभी एग्रिकल्चर सेक्टर के अच्छे रहने का मतलब है कि इस बार खरीफ की फसल काफी अच्छी होगी, जो सर्दियों में कटेगी। यानी जब सर्दियों में फसल कटेगी तो किसानों के पास पैसा आएगा। मोदी सरकार ने तो अब किसानों को अपनी फसल जिसे चाहे उसे बेचने की इजाजत दे दी है, जिससे किसान भी अपनी फसल अच्छे दामों में बेचेंगे, जिससे उनकी आय इस बार बढ़ेगी। ग्रामीण लोग सोना-चांदी खूब खरीदते (Gold Silver demand in rural india) हैं और इस बार भी वही ट्रेंड देखने को मिल सकता है। सर्दियों में सोने-चांदी की कीमतों (Gold Silver demand in winter) में आग लगने की एक वजह ये भी रहेगी कि अभी शादियां टल गई हैं तो अगली बार सभी लोग शादियों के लिए सोने-चांदी की खरीदारी (Gold Silver demand in marriage season) करेंगे।

कितना बढ़ा है खरीफ की फसल का रकबा?

शुक्रवार तक के हिसाब से खरीफ की फसल का कुल रकबा 1082 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल इसी दौरान 1010 लाख हेक्टेयर था। यानी इस बार फसल के रकबे में 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ये बढ़ोतरी धान, तिलहन और दालों की फसलें बढ़ने से हुई है। तिलहन की 193 लाख हेक्टेयर और कॉटन की 128 लाख हेक्टेयर खेती हुई है, जो पिछले 5 सालों में सबसे अधिक है।

अच्छी बारिश ने किसानों को किया खुश

इस बार के रकबे ने एक बड़ा रेकॉर्ड बनाया है, जिसने इससे पहले 2016 में रेकॉर्ड बनाया था। 2016 में कुल 1075 लाख हेक्टेयर खेती हुई थी। पिछले 5 सालों में भारत का औसत रकबा 1066 लाख हेक्टेयर रहा है। बढ़े हुए रकबे की सबसे बड़ी वजह है अच्छा मानसून यानी अच्छी बारिश। खरीब की फसल का रकबा बढ़ने की दूसरी सबसे बड़ी वजह है एग्रिकल्चर सेक्टर का लॉकडाउन से मुक्त रहना।

लॉकडाउन में मिली छूट से चमका एग्रिकल्चर सेक्टर

एग्रिकल्चर मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान एग्रिकल्चर सेक्टर को दी गई छूट ने किसानों की काफी मदद की। इस वजह से पहले तो उन्हें रबी की फसल की कटाई में राहत मिली और फिर खरीब की फसल की बुवाई भी आसान हो गई। दरअसल, एग्रिकल्चर सेक्टर को छूट देना जरूरी था, क्योंकि हर उद्योग बंद हो गए थे, जैसे में अगर अन्न की भी कमी हो जाती तो किसानों को जो नुकसान होता वो तो अलग है, महंगाई बहुत बढ़ जाती हो और हो सकता है कि अन्न की कमी से जूझना पड़ता।

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