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Gold: आम आदमी घर में कितना रख सकता है सोना? गिर रही कीमतों को देख न कर लें दनादन खरीदी

Gold Price: सस्ते हो रहे गोल्ड को देखकर दनादन खरीदी करने से पहले यह जान लेना अच्छा है कि आम आदमी घर में कितना सोना रख सकता है। इस पर टैक्स नियम क्या कहता है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 28 Feb 2021, 12:08 pm
भारतीयों का सोने (Gold) के प्रति लगाव जगजाहिर है और अब तो इसकी कीमत गिरकर 46000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब आ गई है। सोने की कीमत में ऑल टाइम हाई से करीब 10 हजार रुपये तक की गिरावट आ चुकी है, बल्कि यूं कहें कि सोना अपने करीब 8 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। सस्ते होते सोने को देखते हुए अगर आप घर में स्टोर करने की सोच रहे हैं तो ठहर जाएं। पहले यह जान लें कि आयकर नियमों के मुताबिक आम आदमी घर में कितना सोना रख सकता है।
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Gold: आम आदमी घर में कितना रख सकता है सोना? गिर रही कीमतों को देख न कर लें दनादन खरीदी


​क्या कहता है नियम

आयकर नियमों के अनुसार, अगर कोई गोल्ड कहां से आया है, इसका वैलिड सोर्स व प्रूफ देता है तो वह घर में जितनी मर्जी उतना सोना रख सकता है। लेकिन अगर कोई बिना इनकम सोर्स बताए घर में सोना रखना चाहता है तो इसकी एक लिमिट है। नियमों के तहत विवाहित महिला घर में 500 ग्राम, अविवाहित महिला 250 ग्राम और पुरुष केवल 100 ग्राम सोना बिना इनकम प्रूफ दिए भी रख सकते हैं। तीनों कैटेगरी में तय सीमा में सोना घर में रखने पर आयकर विभाग सोने के आभूषण जब्त नहीं करेगा।

​अगर इस लिमिट से ज्यादा रख लिया सोना तो...

अगर अलग-अलग कैटेगरी के लोगों के लिए तय सीमा से अधिक सोना घर में रखा जाता है तो व्यक्ति को इनकम प्रूफ देना होगा। सोना कहां से आया, यह सबूत के साथ आयकर विभाग को बताना होगा। सीबीडीटी ने 1 दिसंबर 2016 को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया था कि अगर किसी नागरिक के पास विरासत में मिले गोल्ड समेत, उसके पास उपलब्ध सोने का वैलिड सोर्स है और वह इसका प्रमाण दे सकता है तो नागरिक कितनी भी गोल्ड ज्वैलरी व ऑर्नामेंट्स रख सकता है।

​आयकर रिटर्न में देनी होती है डिटेल

अगर किसी व्यक्ति की कर योग्य सालाना आय 50 लाख रुपये से ज्यादा है तो उसे आयकर रिटर्न में आभूषणों और उनकी वैल्यू का ब्यौरा भरना होता है। याद रहे रिटर्न में आभूषणों की घोषित वैल्यू और उनकी वास्तविक वैल्यू में कोई अंतर नहीं होना चाहिए, वर्ना इसका कारण बताना होगा।

​गिफ्ट या विरासत में मिला सोना टैक्सेबल नहीं

अगर किसी को गिफ्ट के तौर पर 50000 रुपये से कम की गोल्ड ज्वैलरी मिलती है या विरासत/वसीयत में गोल्ड, गोल्ड ज्वैलरी व ऑर्नामेंट्स मिले हैं तो वे टैक्सेबल नहीं हैं। लेकिन ऐसे मामले में भी साबित करना होगा कि यह सोना गिफ्टेड है या विरासत में मिला है। अगर वसीयत या विरासत में सोना मिला है तो फैमिली सेटलमेंट एग्रीमेंट, वसीयत या गोल्ड तोहफे के रूप में ट्रांसफर करने का एग्रीमेंट आदि प्रूफ काम आ सकते हैं। वहीं अगर गोल्ड गिफ्टेड है तो जिसने दिया है उसके नाम पर रसीद जैसी डिटेल्स काम आ सकती हैं।

10 हजार रुपये से भी अधिक गिर चुका है सोना

सोने की कीमत में ऑल टाइम हाई से करीब 10 हजार रुपये से भी अधिक की गिरावट आ चुकी है। अभी सोना 45,599 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया है। अगस्त में सोना 56,200 रुपये के उच्चतम स्तर पर था। 2020 में सोना 28 फीसदी तक चढ़ा था और अब 10 हजार रुपये तक गिर चुका है। सिर्फ इसी साल में सोने में 4000 रुपये से अधिक की गिरावट आई है। इतना ही नहीं, चांदी में भी 10 हजार रुपये तक की गिरावट देखने को मिली है।

सोने में निवेश करें या कहीं और?

इस वक्त शेयर बाजार रेकॉर्ड बना रहा है, जबकि सोना काफी निचले स्तर पर है। ऐसे में लोग ये सोच रहे हैं कि कहां निवेश करें? सोने में या फिर शेयर बाजार में या फिर इन सबसे अलग फिक्स्ड डिपॉजिट करना सही रहेगा? शेयर बाजार अभी काफी ऊपर है, जिससे बबल भी माना जा रहा है तो इसमें निवेश करना काफी जोखिम भरा है। वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट में काफी कम ब्याज मिल रहा है तो वहां भी निवेश करने पर रिटर्न अच्छा नहीं मिलेगा। वहीं अगर बात सोने की करें तो पिछले साल उसने 28 फीसदी का रिटर्न दिया है। उससे पिछले साल भी सोने का रिटर्न करीब 25 फीसदी रहा था। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं तो सोना अभी भी निवेश के लिए बेहद सुरक्षित और अच्छा विकल्प है, जिसमें शानदार रिटर्न मिलता है।

सोने को लेकर क्या घोषणा हुई थी बजट में?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट प्रस्तावों में सोने और चांदी पर आयात शुल्क (import tax) में भारी कटौती की घोषणा की थी। सीतारमण ने सोने और चांदी पर आयात शुल्क में 5 फीसदी की कटौती की है। फिलहाल सोने और चांदी पर 12.5 फीसदी आयात शुल्क चुकाना पड़ता है। इस तरह से अब सोने और चांदी पर सिर्फ 7.5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी चुकानी होगी। इससे सोने और चांदी की कीमतों में कमी आएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई 2019 में सोने पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया गया था। इसके चलते सोने के दाम काफी बढ़े हैं। इसे देखते हुए सरकार सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाएगी। इस घोषणा के बाद सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट आएगी। भारत बड़े पैमाने पर सोने का आयात करता है। चीन के बाद भारत सोने का सबसे बड़ा खरीदार है। वित्त मंत्री के इस फैसले से सोने की तस्करी पर भी अंकुश लगेगा। हाल में सोने की तस्करी में तेजी आई है।

2020 में 28 फीसदी महंगा हुआ सोना

साल 2020 सोने के लिए बहुत ही शानदार (Gold Price in 2020) साबित हुआ है। 2020 में सोने की कीमत करीब 28 फीसदी तक बढ़ी है। अगस्त के महीने में तो सोने-चांदी ने एक नया रेकॉर्ड ही बना दिया था और अपना ऑल टाइम हाई का स्तर छू लिया था। ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही सोने की कीमत बढ़ी है। वैश्विक बाजार में भी सोना करीब 23 फीसदी महंगा हुआ। इससे पहले 2019 में भी सोने के दाम में बढ़ोतरी की दर डबल डिजिट में थी, इस बार भी सोने दाम में बढ़ोतरी की दर डबल डिजिट में है।

क्यों बढ़ी इतनी अधिक कीमत

2020 में सोने के दाम में तगड़ी तेजी की वजह कोरोना वायरस रहा, जिसकी वजह से लोग निवेश का सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे थे। सोने में निवेश हमेशा से ही सुरक्षित रहा है। कोरोना की वजह से शेयर बाजार में लोगों ने निवेश कम कर दिया, क्योंकि शेयर बाजार में निवेश रिस्की होता है। पिछले साल जनवरी-फरवरी में तो सोना धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन मार्च में भारत में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद इसने स्पीड पकड़ ली।

क्यों आ रही है सोने में गिरावट?

कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन के मोर्चे पर सकारात्मक खबरों से सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। वहीं अब कोरोना वायरस की वैक्सीन भी आ चुकी है और वैक्सिनेशन की शुरुआत भी हो गई है। ऐसे में निवेशक सोने को छोड़कर शेयर बाजार का रुख कर रहे हैं, जहां कम समय में अधिक रिटर्न पाया जा सकता है। यही वजह है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतों में भारी उछाल की संभावना नहीं है। हालांकि, लंबी अवधि के लिए सोना अभी भी निवेश का अच्छा विकल्प माना जा रहा है।

क्या सोना कोरोना काल से पहले की स्थिति में लौट आएगा?

कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में एक तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। समय बीतने के साथ-साथ शेयर बाजार उस तगड़ी गिरावट से लगातार उबर रहा है। दुनिया भर के अधिकतर शेयर बाजार कोरोना की वजह से आई गिरावट से मजबूती से लड़ते हुए रिकवर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोना (today gold price) अपना ऑल टाइम हाई छू कर वापस आ चुका है। आए दिन सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सोना भी कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में लौट आएगा, क्योंकि ये ट्रेंड देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत होता है तो सोना कमजोर होता है और इसका उल्टा भी होता है। तो क्या सोना अभी और सस्ता होगा, क्योंकि जनवरी में सेंसेक्स 41 हजार के करीब था, तब सोने की कीमत भी 41 हजार के करीब थी।

कोरोना काल में सोना बना वरदान

सोना गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है कि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा। वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए ‘वरदान’ है। गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।

मुसीबत की घड़ी में हमेशा बढ़ी है सोने की चमक!

सोना हमेशा ही मुसीबत की घड़ी में खूब चमका है। 1979 में कई युद्ध हुए और उस साल सोना करीब 120 फीसदी उछला था। अभी हाल ही में 2014 में सीरिया पर अमेरिका का खतरा मंडरा रहा था तो भी सोने के दाम आसमान छूने लगे थे। हालांकि, बाद में यह अपने पुराने स्तर पर आ गया। जब ईरान से अमेरिका का तनाव बढ़ा या फिर जब चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी, तब भी सोने की कीमत बढ़ी।

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