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नॉर्मल से कम बारिश, बुआई पर बुरा असर

[ निष्ठा सलूजा | नई दिल्ली ]मॉनसून की स्थिति जुलाई में और खराब हुई है। अभी तक इस महीने बारिश सामान्य से 16 पर्सेंट कम रही है। वहीं, मॉनसून सीजन ...

Navbharat Times 9 Jul 2018, 9:00 am

[ निष्ठा सलूजा | नई दिल्ली ]

मॉनसून की स्थिति जुलाई में और खराब हुई है। अभी तक इस महीने बारिश सामान्य से 16 पर्सेंट कम रही है। वहीं, मॉनसून सीजन शुरू होने के पहले चार हफ्तों में नियमित बारिश नहीं हुई। इसका फसलों की बुआई पर बुरा असर पड़ा है और इससे पैदावार में कमी की आशंका बढ़ गई है।

1 जून के बाद अब तक बारिश सामान्य से 8 पर्सेंट कम रही है, जो जून के अंत तक 5 पर्सेंट कम थी। इस सीजन की मुख्य फसल धान है। बारिश की कमी के चलते इसकी बुआई में 15 पर्सेंट की कमी आई है। वहीं, दलहन की बुआई पिछले साल की इसी अवधि से 19 पर्सेंट कम रही है। ये आंकड़े कृषि मंत्रालय के हैं। अगर इस हफ्ते बारिश रफ्तार पकड़ती है तो किसान तेजी से फसलों की बुआई करके भरपाई कर सकते हैं। मौसम विभाग ने इस हफ्ते अच्छी बारिश होने का अनुमान भी दिया है।

उसने रविवार को कहा कि मध्य, उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में आने वाले चार दिनों में अच्छी बारिश की उम्मीद है, लेकिन प्रशांत महासागर में अलनिनो का खतरा दिख रहा है। अगर अलनिनो की स्थिति बनती है तो बारिश सामान्य से कम हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की एजेंसियों ने इस साल अलनिनो की आशंका जताई है। उन्होंने कहा था कि जुलाई-सितंबर मॉनसून सीजन के आखिर में अलनिनो की स्थिति बन सकती है।

जानकारों का भी कहना है कि अगर हफ्ते भर में अच्छी बारिश नहीं हुई तो मुश्किल बढ़ सकती है। क्रिसिल के चीफ इकनॉमिस्ट डी के जोशी ने बताया कि सिंचाई और बारिश पर आश्रित इलाकों में बारिश का डिस्ट्रीब्यूशन कैसा रहता है, इससे खेती पर मॉनसून का असर तय होगा। उन्होंने कहा, 'हमें तस्वीर साफ होने के लिए जुलाई के मध्य तक का इंतजार करना होगा। अगर इसके बाद भी बारिश कम रहती है तो यह चिंता की बात होगी।' 1 जून के बाद से दक्षिण भारत और महाराष्ट्र को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश सामान्य से कम रही है। महाराष्ट्र में इस सीजन में सामान्य से 30 पर्सेंट अधिक बारिश हुई है। चावल के सबसे बड़े उत्पादक बंगाल में बारिश 19 पर्सेंट कम रही है। ऑयल सीड और कपास की खेती के लिए मशहूर गुजरात में यह 44 पर्सेंट कम है। सोयाबीन की खेती के लिए मशहूर मध्य प्रदेश में बारिश 10 पर्सेंट कम रही है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह सामान्य से 46 पर्सेंट कम है। हालांकि, पंजाब में बारिश 1 जून के बाद 62 पर्सेंट अधिक हुई है।

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